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Saturday, October 19, 2024
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फाइजर का बूस्टर डोज और फ्लू का टीका एक साथ न लगवाएं, यह खतरनाक बीमारी हो सकती है

pfizer and flu vaccine side effects:  अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कहा है कि फाइजर की कोविड बूस्टर डोज और फ्लू वैक्सीन बुजुर्ग लोगों को एक साथ लेने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ये नतीजे अमेरिकी हेल्थ एजेंसी की एक रिसर्च में सामने आए हैं। जिसमें फाइबर की बूस्टर डोज और फ्लू की वैक्सीन एक साथ लेने के नुकसान बताए गए हैं।

इन लोगों पर हुई रिसर्च

इस रिसर्च में अमेरिका के 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया गया। इन लोगों को एक ही दिन फाइबर और फ्लू के टीके की बूस्टर खुराक दी गई। इन्फ्लुएंजा और कोविड से बचाव के लिए ये टीके एक साथ दिए गए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद इन लोगों में स्ट्रोक का खतरा देखा गया। ऐसे में एफडीए अब इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या बूस्टर और फ्लू का टीका अगली सर्दियों में एक ही दिन लगाया जाए।

एफडीए एक साथ कोविड और फ्लू के खिलाफ टीकाकरण से उत्पन्न होने वाली संभावित सुरक्षा समस्याओं की जांच के लिए एक प्रमुख अध्ययन शुरू कर रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को दोनों शॉट एक साथ लेने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि फ्लू या कोविड से संक्रमित होने से भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे किया गया शोध

अमेरिका में नवंबर में वैक्सीन सेफ्टी डेटालिंक (वीएसडी) के लिए काम करने वाले एक सरकारी संगठन ने 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में कोविड वैक्सीन और ब्रेन स्ट्रोक के बीच एक संभावित लिंक पाया। जांचकर्ताओं ने पाया कि फाइजर वैक्सीन के 550,000 लेने के 21 दिनों के भीतर बूस्टर खुराक, 130 बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। इनमें से एक व्यक्ति की कुछ महीने बाद मौत हो गई थी। ऐसे में फाइजर के टीके से स्ट्रोक का खतरा रहता है। इससे बुजुर्गों की मौत भी हो सकती है।

अभी और शोध की जरूरत है

FDA ने अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों और फाइजर से यह पता लगाने के लिए भी संपर्क किया कि उन्होंने अपने डेटा में क्या देखा और स्ट्रोक लिंक की पुष्टि हुई या नहीं। हालांकि, एफडीए समीक्षकों द्वारा एक छोटे से विश्लेषण ने संकेत दिया कि उसी दिन फाइजर बूस्टर और फ्लू वैक्सीन लेने से वरिष्ठ नागरिकों को स्ट्रोक का अधिक खतरा हो सकता है। हालांकि, पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. वालिद गेलाद ने कहा कि इस मुद्दे पर और जांच की आवश्यकता है। एक रिसर्च के मुताबिक ऐसा रिजल्ट नहीं लेना चाहिए।

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