अकसर आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि खाने के बाद कुछ मीठा खाने का मन कर रहा है. नहीं तो रेस्ट्रो या किसी दावत में तो जरूर देखा होगा कि खाना खाने के बाद मीठा परोसा जा रहे है. लेकिल क्या कभी आपने ये सोचा है कि अखिर खाने के बाद ही मीठा क्यों दिया जाता ? खाना खाने से पहले क्यों नहीं. जानते हैं इसकी वजह-भारत में प्राचीनकाल से ही लोग खाना खाने के बाद मीठा जरूर खाते हैं. हिन्दू शास्त्र और आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है. मीठा खाने के बारे में तो आपको पता होगा लेकिन आप भी ये सोचकर कंफ्यूज होते होंगे कि खाने से पहले मीठा क्यों नहीं खाते, खाने के बाद ही क्यों खाते हैं.
भारतीय थाली में तीखा क्यो परोसते है ?
भारतीय खाने में सबसे पहले आपको खाने की थाली में तीखे खाने परोसे जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार शुरुआत में तीखा भोजन करने के बाद पेट में पाचन तत्व तथा अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। जिससे पाचन तंत्र तेज जाता है. शुरुआत में तीखा खाने से जठराग्नि बढ़ जाती है जिसके चलते अच्छी भूख लगती है.
खाने के बाद मीठा खाने से क्या होता है ?
दूसरा, खाना समाप्त करने के बाद अपको कुछ मीठा दिया जाता है. इसका भी अपना एक विशेष कारण है,. बता दें कि मीठा खाने से सेरोटोनिन नाम के हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है और ये न्यूरोट्रांसमीटर का काम करता है जिससे मीठा खाने के बाद आपको खुशी का अनुभव होता है. मीठे का सेवन एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है. ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है. सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी की भावना से जुड़ा है यानि मीठा खाने से आपको खुशी होती है.