व्रत में ज्यादातर लोग साबूदाना खाते हैं। भारतीय घरों में वैसे भी साबूदाना बहुत लोकप्रिय है। साबूदाने की खीर के अलावा इससे बनी अन्य डिशेज को भी लोग बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। साबूदाने में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण लोग इसे सेहत के लिए फायदेमंद मानते हैं।
कितना हानिकारक है साबूदाना?
साबूदाने में अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। अगर आप उपवास कर रहे हैं तो कार्बोहाइड्रेट खाने से आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है। दूसरी बात यह है कि साबूदाना पारंपरिक नहीं होता है। साबूदाना 1940 और 50 के दशक में भारत आया था। दरअसल, यह मूल रूप से पूर्व या दक्षिण पूर्व एशिया का है।
यह भी पढ़ें :-बिना दवा के लिए खत्म करें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, यह योग आएंगे काम
साबूदाना क्यों नहीं खाते
साबूदाना रिफाइंड स्टार्च का ही एक रूप है। शोधन के कारण यह रक्त में जल्दी अवशोषित हो जाता है, जिससे रक्त शर्करा बढ़ने का खतरा होता है। बता दें कि इसे हाई ग्लाइसेमिक फूड माना जाता है। हृदय रोगियों, मधुमेह रोगियों और हाई बीपी वाले लोगों को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको किसी तरह का मेटाबोलिक रोग या मधुमेह की समस्या नहीं है तो आप इसे संतुलित आहार के रूप में कभी-कभी खा सकते हैं। इसमें फाइबर और प्लांट एंटी-न्यूट्रिएंट्स नहीं होते हैं, जिसके कारण यह आंत के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। बता दें कि साबूदाना में पोषक तत्वों की कमी होती है।
यह भी पढ़ें :- स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें
Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी द Midpost की नहीं है। आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।