Corona Virus: कोरोना ने एक बार फिर से यू-टर्न ले लिया है। देशभर में कोरोना के संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहे है। यह वाकई चिंता ता विषय है। कोरोना को लेकर वैज्ञानिक लगातार नए-नए रिसर्च कर रहे है। इसी के बीच एक और रिसर्च किया गया है।
अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च में एक बेहद ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि संक्रमित लोगों के खून में विशिष्ट प्रोटीन की पहचान की गई है। यह प्रोटीन यह अनुमान लगाने में मदद करेगा कि किन रोगियों को सांस लेने के लिए वेंटिलेटर की अधिक जरूरत है।
प्रोटीन रोग की गंभीरता को प्रकट करेगा
एक अधिकारी अन्वेषक कार्लोस क्रूचागा ने बताया है कि हानिकारक प्रोटीन की पहचान करना अब मददगार हो सकता है क्योंकि यह केवल वायरस के वेरिएंट का सामना करते हैं जो COVID-19 का कारण बनते हैं, बल्कि नए वायरस भी हैं जो भविष्य में उभर सकते हैं, और सक्षम हो सकते हैं।
आपको बता दें कि शोधकर्ताओं की टीम ने अमेरिका के सेंट लुइस में बार्न्स-यहूदी अस्पताल में भर्ती COVID-19 रोगियों के प्लाज्मा नमूनों का अध्ययन किया और उनकी तुलना उन 150 लोगों के प्लाज्मा नमूनों से की जो SARS-CoV-2 से संक्रमित नहीं थे। क्योंकि ये सैंपल तब मिले थे जब मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था।
इस तकनीक से पहचाने जाने वाले प्रोटीन
प्रोटीन के ओवरएक्प्रेशन और अंडरएक्प्रेशन की पहचान करने के लिए हाई-थ्रूपुट प्रोटिओमिक्स नामक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसे डिश रेग्यूलेशन के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाने के लिए कई तरह के परीक्षण भी किए है। कौन सा प्रोटीन वास्तव में गंभीर बीमारी का कारण बनता है इस पर भी रिसर्च की गई है। हालांकि, अध्ययन में रोगियों में बड़ी संख्या में प्रोटीन पाए जाने की पहचान हुई है, जिसके बाद से यह निर्धारित किया गया कि इन 32 प्रोटीनों की उपस्थिति कोविड संक्रमण के दौरान रोगी की स्थिति से जुड़ी बातों को बताने में मददगार साबित होगी। इसके बाद अन्य 5 प्रोटीन की भी पहचान की गई जो कि मरीजों के लिए खतरनाक है और यह मौत की संभावना का संकेत देते हैं।