Silent Heart Attack: आज से कुछ साल पहले हार्ट अटैक के किस्से बहुत ही कम सुनने को मिलते थे। बहुत ही रेयर चांस में किसी की हार्ट अटैक के मौत होने की खबर सामने आती है। ज्यादातर हार्ट अटैक के मामले बुढ्ढे लोगों में या डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीजों में ही सुनने को मिलते थे, लेकिन बीचे कुछ समय ने हालात बदल दिए है। आज के दौर में हार्ट अटैक बहुत ही आम होता जा रहा है। अब कब किसी कहा दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। बीते कुछ समय से ऐसे मामलों ने हमारे होश उड़ा दिए है, जिसमें युवाओं की भी अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। आज कल साइलेंट हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ते नजर आ रहे हैं। हालांकि इससे मौत के मामले तो कम होते हैं, लेकिन कुछ मरीजों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
कुछ दिन पहले टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित एक व्यक्ति को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ, थकान और सीने में दर्द की शिकायत थी। अस्पताल में जांच में पता चला कि मरीज को साइलेंट हार्ट अटैक आया था। एंजियोग्राफी से पता चला कि उनकी कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज था, जिसके कारण उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक आया।
लोग नहीं समक्ष पाते इसके लक्षण
अक्सर लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक आया है। आमतौर पर हार्ट अटैक के लक्षण न दिखने के कारण साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान करना मुश्किल हो सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक शरीर को इस तरह करता है प्रभावित
हृदय को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन से भरपूर रक्त की आवश्यकता होती है। यदि हृदय की धमनियों में रुकावट हो जाए, जो ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थों के कारण होता है, तो उस स्थिति में हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत ही कम हो जाता है। साइलेंट हार्ट अटैक में इसके लक्षणों का आसानी से पता नहीं चल पाता है। कई मामलों में अटैक आने पर सीने के बाईं तरफ हल्का सा दर्द होता है। यही वजह है कि ज्यादातर मरीज इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं। लेकिन कुछ लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक होने का खतरा ज्यादा होता है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा
- मधुमेह के रोगी
- भारी धूम्रपान और धूम्रपान करने वाले
- मोटे लोग
- हृदय रोगों का पारिवारिक इतिहास
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