CPR Giving Tips: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. जिसमें चंडीगढ़ में तैनात आईएएस अफसरों और स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग की खूब तारीफ हो रही है। दरअसल वायरल हो रहे वीडियो में वह हार्ट अटैक से पीड़ित एक शख्स की हत्या करते नजर आ रहे हैं. सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन देना। जिससे शख्स की जान बच गई, हालांकि अधिकारी ने सीपीआर देने के तरीके पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बिना किसी मेडिकल ट्रेनिंग के इस तरह सीपीआर देना खतरनाक साबित हो सकता है.
सीपीआर देने से पहले इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। ट्वीट करते हुए बताया गया है कि डॉ. प्रज्ञा ने कहा कि सीपीआर देने का यह तरीका सही नहीं था. इससे व्यक्ति को नुकसान हो सकता था। उन्होंने कहा कि ऐसी चिकित्सा प्रक्रियाएं बिना विशेष प्रशिक्षण के नहीं की जानी चाहिए। एक अन्य विशेषज्ञ शिरीष ने कहा कि यह चमत्कार है कि वह व्यक्ति इस सीपीआर से बच गया। इस IAS अधिकारी पर मारपीट का मामला दर्ज होना चाहिए! प्राथमिक उपचार का पहला नियम है ‘रोगी को कोई नुकसान न पहुंचाएं’। यह सीपीआर नहीं है।
आइए जानते हैं क्या है सीपीआर देने का सही तरीका
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने टीवी9 को बताया कि सीपीआर एक जीवनरक्षक तरीका है, जो दिल के दौरे या कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित मरीज की जान बचा सकता है। लेकिन इसे देने के लिए सही जानकारी होना भी जरूरी है। सीपीआर देने के लिए इस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
सबसे पहले रोगी को जमीन पर लिटा दें और उसकी पल्स चेक करें। अगर पल्स लगातार गिर रही हो और व्यक्ति बेहोश हो रहा हो तो तुरंत सीपीआर देना शुरू करें। इससे पहले रोगी के सिर को पकड़कर थोड़ा पीछे की ओर कर दें। इससे सांस की नली खुल जाएगी।
अब सीपीआर देना शुरू करें, इसके लिए पहले अपने हाथों को लॉक कर लें। दोनों हाथों को एक दूसरे पर रखें और उंगलियों को आपस में फंसा लें।
अब अपना हाथ रोगी की छाती के बीच में रखें और छाती को दबाना शुरू करें।
संपीड़न तेज होना चाहिए। एक मिनट में छाती को करीब 100 बार दबाना पड़ता है। इस तरह से दबाएं कि वृषण अंदर की ओर दब जाएं और फिर वापस अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं।
ऐसा तब तक करते रहें जब तक कि रोगी सांस न ले सके। इस दौरान बीच-बीच में मुंह से सांस देने की कोशिश करें।
सीपीआर हृदय में रक्त के प्रवाह को बढ़ाएगा, जिससे रोगी की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर देते समय किसी व्यक्ति की मदद से एंबुलेंस बुलाएं और मरीज को अस्पताल भिजवाएं।