Delhi NCR AQI Level: फेस्टिव सीज़न की शुरुआत से ही दिल्ली एनसीआर की (Pollution in Delhi) आबो हवा जहरीली हो रही है। राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के कारण धुंध छाई हुई है। शुक्रवार सुबह दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 को पार कर गया है। प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी एंड मैनेजमेंट यानी CAQM ने एमरजेंसी मीटिंग बुलाई और पूरे दिल्ली एनसीआर में GRAP-3 को लागू करने का फैसला लिया। प्रदूषण से निपटने के लिए क्रॉप एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें प्रदूषण का लेवल (Pollution) बढ़ाने के साथ बंदिशे अपने आप लागू हो जाती हैं।
GRAP-3 लागू होने के बाद अब दिल्ली एनसीआर में सभी निजी निर्माण कार्यों पर रोक लग जाएगी। जो लोग दिवाली (Diwali) से पहले अपने घरों की मरम्मत, रंगाई पुताई करवाते हैं, वह अब नहीं करा सकेंगे। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल की गाड़ियों पर रोक लगा दी गई है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दो दिनों तक स्कूलों को बंद (Shcools Closed in Delhi) करने का आदेश जारी कर दिया। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी।
In light of the rising pollution levels, all govt and private primary schools in Delhi will remain closed for the next 2 days
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 2, 2023
बीते 6 दिनों से दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी (Delhi NCR AQI Level) में बनी हुई है। आंकड़ों की माने तो दिल्ली के 37 में से कम से कम 18 इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। शादीपुर में 451, पंजाबी बाग में 497, मुंडका में 499, वजीरपुर में 497, IGI एयरपोर्ट 481, अशोक विहार 446, द्वारका 486, NSIT द्वारका 471, न्यू मोती बाग 487, रोहिणी 495, आरके पुरम 491, जहांगीरपुरी 496, लोधी रोड 448, आईटीओ 442, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 491, बुराड़ी क्रॉसिंग में 468, डीटीयू 475, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 474, श्रीअरविंद मार्ग 452, सोनिया विहार 490 और नेहरू नगर में 471
बता दें की 0 से 50 के बीच AQI को अच्छी श्रेणी में माना जाता है, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच AQI को गंभीर श्रेणी में माना जाता है। साल 1980 के बाद से दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल बढ़ाना शुरू हो गया था और अब तक ये बढ़ता ही जा रहा है। नई नई टेक्नोलॉजी आने से लोगों को सुविधाएं तो मिल रही है, साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है।