Diabetes: मॉडलाइजेशन ने हमारे रहने और खाने पीने के ढंग कर बहुत असर डाला है। हमारी लाइफस्टाइल और खाने पीने की आदतें खराब होती जा रही है, जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। वहीं अगर ध्यान से देखा जाए तो आज कल डायबिटीज के मरीजों की संख्या भी बढ़ते जा रही है। न की सिर्फ उर्म दराज लोग बल्कि जवान उवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
टाइप 2 मधुमेह आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है, लेकिन कई युवा भी कम उम्र में ही इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
इससे युवाओं को हृदय, लीवर और आंखों की रोशनी जाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मधुमेह के कारण हर साल दुनिया भर में अप्रत्यक्ष रूप से इस आयु वर्ग के 4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कम उम्र में टाइप-2 डायबिटीज होने का कारण क्या है।
टाइप-2 मधुमेह क्यों होता है
जब शरीर में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है तो टाइप-2 डायबिटीज की समस्या हो जाती है। इसमें शरीर में जरूरत के हिसाब से कम इंसुलिन बनता है, जिससे शुगर कोशिकाओं में नहीं जा पाता और खून में जाने लगता है। इससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
कारण क्या है
वजन बढ़ना:
टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण वजन बढ़ना होता है। अगर शरीर का वजन बढ़ जाता है तो टिश्यू में भी फैट की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है। इसकी वजह से शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी हो जाता है, हालांकि ऐसा हर मामले में नहीं होता है, लेकिन बढ़ता मोटापा टाइप-2 डायबिटीज के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
व्यायाम नहीं करना
व्यायाम न करने से मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और वजन भी बढ़ने लगता है। जिससे मधुमेह होने का खतरा रहता है
जेनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी को पहले से ही मधुमेह है तो इसके एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने का खतरा रहता है।
बचाव कैसे करें
खानपान पर ध्यान दें।
दैनिक व्यायाम
बीपी कंट्रोल में रखें
शरीर में वजन बढ़ने से रोकें
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