ज्यादातर लोग सुबह जल्दी उठने के लिए अलार्म लगाकर रात को सोते हैं। कुछ लोग अलार्म बजने के तुरंत बाद उठ जाते हैं तो कुछ लोग अलार्म बजने से पहले ही उठ जाते हैं। बात बहुत आम है लेकिन मायने बड़े हैं। क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपने रात के 6 बजे का अलार्म लगा रखा है और आप जल्दी उठ जाते हैं।
शायद हम सबके साथ ऐसा हुआ होगा? स्लीप एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अलार्म बजने से कुछ मिनट या घंटे पहले उठना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इससे लोगों को परेशानी हो सकती है। दुनिया भर के अध्ययनों से पता चला है कि 10 से 30 प्रतिशत आबादी अनिद्रा का अनुभव कर रही है। लेकिन इस समस्या का भी समाधान है।
इससे कैसे बचे
अगर आप अचानक उठ जाएं तो घड़ी की तरफ न देखें। जब आप सुबह 7 बजे का अलार्म लगाते हैं और जब आप उठते हैं और घड़ी में 3 बजे देखते हैं, तो यह आपकी नींद में खलल डाल सकता है। इससे चिंता और निराशा बढ़ती है। हमें घड़ी देखने की आदत हो जाती है, जिससे चिंता की आदतन प्रतिक्रिया भी शरीर में तनाव पैदा कर देती है।
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जब चिंता हावी हो जाती है तो कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है और शरीर सतर्क हो जाता है। इससे हमें नींद नहीं आती और हमारा दिमाग भी अस्त-व्यस्त हो जाता है। स्लीप एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोन में अलार्म लगाकर न सोएं। जब हम फोन की रोशनी के संपर्क में होते हैं, तो यह सीधे शरीर के सर्कैडियन संकेतों को उत्तेजित कर सकता है।
सोने की कोशिश मत करो
एक बार जब कोई जाग जाता है तो कई बार लाख कोशिशों के बाद भी उसे नींद नहीं आती। इस स्थिति में जबरदस्ती सोने से बचें। स्टिमुलस नियंत्रण तकनीक आपको जल्दी सोने में मदद कर सकती है। किताब पढ़ने से लेकर सॉफ्ट म्यूजिक सुनने तक, कुछ भी हमारे दिमाग को विचलित कर सकता है। इससे आपको जल्दी नींद आने में मदद मिलेगी।
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