Fluorosis diseases: राजस्थान के चुरू जिले के रहने वाले प्रदीप यादव कई दिनों से शरीर में कमजोरी और हड्डियों के दर्द से पीड़ित थे. प्रदीप को लगा कि उसे गठिया रोग हो गया है। उन्होंने पास के एक अस्पताल के डॉक्टर से अपनी जांच कराई और उन्हें दर्द निवारक दवा दी गई। कुछ दिन दवा लेने के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ और हड्डियों में दर्द बढ़ने लगा। हाथ की कुछ उंगलियां टेढ़ी भी होने लगी थीं। हालत बिगड़ता देख प्रदीप ने दिल्ली एम्स में अपना टेस्ट करवाया, जिसमें पता चला कि वह फ्लोरोसिस से बीमार हो गया है।
फ्लोरोसिस के कारण उनके हाथ की उंगलियां टेढ़ी होने लगीं। करीब एक साल तक एम्स में प्रदीप का इलाज चला और अब उनकी हालत में सुधार हुआ है। अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर यह फ्लोरोसिस बीमारी क्या है और यह हड्डियों की इस हालत को कैसे जन्म देती है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि क्या है ये बीमारी और कैसे होती है।
फ्लोरोसिस रोग क्या है
राजीव गांधी अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विजय सिंह बताते हैं कि फ्लोरोसिस हड्डियों की खतरनाक बीमारी है। यह रोग पानी पीने से होता है। जब पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक हो जाती है और लोग ऐसा पानी कई सालों तक पीते हैं तो इससे फ्लोरोसिस रोग हो जाता है। इस रोग में दांत पीले पड़ जाते हैं और हड्डियों में दर्द होने लगता है। समय पर रोग की पहचान न होने से हड्डियां भी टेढ़ी होने लगती हैं, जिससे व्यक्ति अपाहिज हो सकता है।
क्या लक्षण हैं
डॉ. सिंह के अनुसार फ्लोरोसिस रोग का प्रारंभिक लक्षण दांतों का अत्यधिक पीला पड़ना है। इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति की हड्डियों या मांसपेशियों में दर्द हो रहा हो तो यह भी इस रोग का एक लक्षण हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इसे केवल गठिया की बीमारी न समझें। यह फ्लोरोसिस हो सकता है।
अपने पीने के पानी की जांच करवाएं
फ्लोरोसिस रोग पानी पीने से ही होता है। इसलिए अगर हड्डियों में दर्द और अकड़न जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो अपने घर के पानी में फ्लोराइड की मात्रा की जांच जरूर कराएं। यदि यह 1 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है तो पानी बदल दें। या आरओ का प्रयोग करें। यदि इस मामले में लापरवाही की जाती है तो फ्लोरोसिस रोग होने का खतरा रहता है। जो आपके घुटने के जोड़ समेत शरीर की किसी भी हड्डी को खराब कर सकता है।