High Blood Pressure: मधुमेह रोगियों को उच्च रक्तचाप होने की संभावना दोगुनी होती है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में दिल की बीमारियों की संभावना चार गुना ज्यादा होती है।
मधुमेह वाले लगभग दो-तिहाई लोगों का रक्तचाप 130/80 से अधिक होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह हमारी धमनियों को प्रभावित करता है और उन्हें कठोर बना देता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इससे डायबिटीज के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है, जिसका समय पर इलाज न हो तो रक्तवाहिनियों को नुकसान होने के साथ-साथ हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप कनेक्शन
ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाने से
मोटापा
सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव
इंसुलिन संवेदनशीलता
सामान्य से अधिक ब्लड प्रेशर भी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अध्ययनों के अनुसार, 10 वर्षों की अवधि में हृदय रोग विकसित होने की संभावना दो से तीन गुना बढ़ जाती है।
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रक्तचाप का कारण
डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज को पचाने के लिए या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं होता या फिर उनका इंसुलिन बेअसर होता है। इंसुलिन से हमारे शरीर को भोजन से ग्लूकोज मिलता है, जिसका उपयोग वह ऊर्जा के रूप में करता है। उच्च रक्तचाप ऊतक और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे रक्त वाहिकाओं और गुर्दे की बीमारी का खतरा होता है।
क्या ध्यान रखना है
इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम करना जरूरी है। ज्यादातर डॉक्टर रोजाना 30 से 40 मिनट तक चलने की सलाह देते हैं, लेकिन कोई भी एरोबिक एक्टिविटी करने से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। शारीरिक गतिविधि रक्तचाप को कम करने के अलावा हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है।
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