Liver diseases in kids: दुनिया भर में लीवर की बीमारी के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण खान-पान की गलत आदतें हैं। ज्यादातर लोगों का मानना है कि लीवर की बीमारी बुढ़ापे में ही हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चों को भी यह समस्या हो सकती है। बच्चों में जंक फूड खाने के बढ़ते चलन के कारण उनके लिए लिवर की बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। बच्चों में लीवर की बीमारी की शुरुआत लीवर में संक्रमण से होती है।
डॉक्टर बताते हैं कि लिवर की बीमारी के कुछ अनुवांशिक कारण होते हैं। लिवर की बीमारी लीवर में अल्फा 1 प्रोटीन के कारण होती है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और हेपेटाइटिस ए और बी के कारण भी लिवर की बीमारी होने का खतरा होता है। पीलिया बच्चों में लिवर की बीमारी का पहला लक्षण है। इससे उनकी त्वचा और नाखूनों का रंग पीला पड़ने लगता है। हालांकि लिवर की बीमारी के लक्षणों को समय रहते पहचान लेने से यह बीमारी गंभीर रूप नहीं लेती और आसानी से इलाज हो जाता है।
लिवर की बीमारी में ये लक्षण नजर आते हैं
पेट दर्द- पेट दर्द की समस्या को लोग सामान्य समस्या समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर बच्चे को पेट दर्द की शिकायत बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मल का पीला पड़ना
अगर बच्चे का मल (मल) पीला आता है और यह समस्या लगातार बनी रहती है तो अस्पताल में जाकर इलाज कराएं। इस मामले में लापरवाही न करें
त्वचा का पीला पड़ना
त्वचा का पीला पड़ना लिवर की बीमारी का एक प्रमुख लक्षण है। इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
भूख में कमी
अगर बच्चे की भूख कम हो गई है तो यह लिवर में किसी समस्या का संकेत है। भूख न लगने के कारण अगर बच्चे का वजन कम हो रहा है तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों को जंक फूड न खिलाएं
हेपेटाइटिस का इलाज कराएं
बच्चों को आहार में अधिक मात्रा में मैदा और नमक न दें।
जीवनशैली ठीक रखें
लिवर खराब होने के लक्षण दिखने पर एलएफटी कराएं