Lumpy Virus in India: इंडिया में बीते कुछ समय से लंपी वायरल के मामले बढ़ते नजर आ रहे है. यह वायरस आपके जानवर के लिए खतरा साबित हो करता है. राजस्थान, गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक इस जानलेवा संक्रमण का प्रकोप देखने को मिला है। लंपी वायरस के बढ़ते आंकडो को देखा जाये तो अकेले राजस्थान में ही 45,000 से ज्यादा मवेशियों की मौत हुई है और 10 लाख से ज्यादा संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
लोगों में फैला रहा खौफ
इस बेकाबू संक्रमण के चलते अब लोगों को डर सताने लगा है कि कहीं ये वायरस जानवरों से इंसानों में ना फैल जा। आइए जानते हैं कि इस बारे में एक्सपर्ट्स का क्या कहना है। कोरोना की तरह ही अब देशभर में लंपी वायरस के खतरे का डर भी सताने लगा है.
क्या है लंपी वायरस और कैसे फैलता है?
ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन (GAVI) का दावा है कि लंपी एक स्किन डिसीज है जो कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण मवेशियों में फैलती है। ये गॉटपॉक्स और शिपपॉक्स फैमिला का वायरस बताया जा रहा है। यह वायरस संक्रमित पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है। खून चूसने वाले कीड़े, मक्खी, मच्छर और खाने-पीने की दूषित चीजों से ये वायरस एक जानवर से दूसरे जानवर में ट्रांसमिट होता है। कुछ विशेषज्ञ दक्षिण अफ्रीका को इस बीमारी का मूल गढ़ मान रहे हैं।
लंपी वायरस का इलाज
बैसे तो लंपी वायरस से संक्रमित पशु दो से तीन हफ्तों में खुद-ब-खुद ठीक हो जा हैं। लेकिन तेजी से रिकवरी के लिए इन्हें एंटी-बायोटिक दिए जाना चाहिए। पिछले हफ्ते ही इसकी वैक्सीन (लंपी प्रो-वैक-इंड) लॉन्च हुई है। इस वैक्सीन का सक्सेस रेट 100 प्रतिशत बताया जा रहा है। हालांकि वायरस को रोकने लिए कुछ अन्य बातों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. संक्रमित पशुओं को बाकी पशुओं से अलग रखें। उनके रहने की जगह को साफ-सुथरा रखें। ऐसी जगहें मक्खी, मच्छर, कीट, पतंगों से मुक्त होनी चाहिए. खानी-पीने की चाजों में सफाई का विशेष ध्यान रखें।