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Sunday, December 22, 2024
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Next Pandemic Viruses: हो जाएं सावधान! अगली महामारी जानवरों या अन्य प्राणियों से नहीं बल्कि ऐसे फैलेंगे, कोरोना सो भी घातक

Next Pandemic Viruses: शीर्षक थोड़ा डरावना लग सकता है, शायद अनुमान भी। लेकिन यह एक सच्चाई है कि हमारे ग्रह ने कई घातक महामारियों (deadly pandemics) का सामना किया है जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों की मौत हुई है। नवीनतम एक कोरोनावायरस / COVID (Coronavirus/COVID Pandemic) महामारी है।

अगली महामारी (Next Pandemic) किसी चमगादड़ या जानवर से नहीं, बल्कि दुनिया भर में पिघलती बर्फ (Melted Ice) से आ सकती है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी: ​​जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल साइंस (General Of Biology Science) में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण ग्लेशियरों की बर्फ लगातार कम हो रही है, जिससे इसमें जमे हुए वायरस और बैक्टीरिया (Virus and Bacteria) सामने आएंगे।

दुनिया में हो सकता है ‘वायरल स्पिलओवर’
वायरल स्पिलओवर (Viral Sleepover) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वायरस एक नया होस्ट प्राप्त करता है। मेजबान मानव, पशु (animals), पौधे (Plants)- कोई भी हो सकता है। वायरस मेजबान को संक्रमित करता है, जिससे महामारी फैलने का खतरा होता है। मिट्टी के आनुवंशिक विश्लेषण से पता चला है कि बर्फ के तेजी से पिघलने से दुनिया में नए वायरस फैलने का खतरा है।

आर्कटिक तालाबों से लिए गए नमूने
वायरस दुनिया (Viral World) के हर कोने में हैं। इस शोध के लिए वैज्ञानिकों की टीम (Scientists Team) ने आर्कटिक सर्कल के सबसे बड़े तालाब हेज़ेन झील (Hezen) से नमूने एकत्र किए। मीठे पानी (Sweet Water) की यह झील कनाडा (Canada) में स्थित है। इसमें मिले आरएनए और डीएनए का अब तक मिले वायरस से मिलान किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे ग्लेशियर पिघलेंगे, उनमें मौजूद वायरस बाहर आएंगे और हमें संक्रमित करेंगे।

शोध में आर्कटिक के क्षेत्र को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां की बर्फ अन्य बर्फीले क्षेत्रों की तुलना में अधिक दर से पिघल रही है। यहां का तापमान अधिक गर्म होता है और वायरल स्पिलओवर का खतरा भी अधिक होता है।

तिब्बती ग्लेशियर में मिले 33 वायरस
साल 2021 में एक स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने 33 वायरस की खोज की थी। वे पिछले 15 हजार वर्षों से बर्फ में जमे हुए थे। इनमें से 28 वायरस बिल्कुल नए थे यानी पहले कभी नहीं देखे गए थे। इन सभी की उत्पत्ति तिब्बत के ग्लेशियर (Galsiour) से हुई है। ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के कारण यह ग्लेशियर पिघल (Melting Galsious) गया है।

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