आज के बच्चों को रात में समय पर न सोने की आदत हो गई है। 2 साल से ऊपर के बच्चों को मोबाइल या अन्य स्क्रीन की आदत हो जाती है। बच्चे को समय पर सुलाने के लिए माता-पिता घंटों व्यस्त रहते हैं। समय पर सोना एक अच्छी आदत है और बच्चों को इसकी लत लगाना एक तरह का काम है। आज की सामान्य दिनचर्या में बच्चे शाम को 5 से 7 बजे के बीच सो जाते हैं और फिर देर रात तक जागते रहते हैं।
न खिलाएं ये एक चीज
यहां हम बच्चों को सोने से पहले मिठाई नहीं देने की बात कर रहे हैं। चीनी हमारे दिमाग को ट्रिगर करने का काम करती है। अगर मीठा खाया जाए तो बच्चा एक्टिव हो जाता है और फिर घंटों सोता नहीं है। माता-पिता बच्चों के शौकीन या जिद्दी होने पर उन्हें चॉकलेट या अन्य चीजें खाने के लिए देते हैं और फिर उन्हें नींद नहीं आती है। चॉकलेट से दिमाग तेज होता है और एनर्जी मिलने से बच्चों को नींद नहीं आती है।
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इन गलतियों को करने से बचें
रात 8 बजे के बाद बच्चों को कोई भी खाना-पीना न दें। क्योंकि बच्चा जितनी देर से खाएगा, उसे उतनी ही ज्यादा ऊर्जा मिलेगी और वह तब तक नहीं सोएगा जब तक वह थक नहीं जाता।
बच्चों को समय पर सुलाने के लिए उनकी मोबाइल या स्क्रीन टाइमिंग की आदत से छुटकारा पाएं। बच्चा कितना भी जिद करे, उसे एक दिन में सिर्फ एक घंटा या ज्यादा से ज्यादा दो घंटे ही स्क्रीन का इस्तेमाल करने दें।
बच्चे को दोपहर में सुलाने की आदत डालें, क्योंकि अगर वह शाम को सोता है तो रात की नींद का रूटीन गड़बड़ा जाता है।
बच्चे की ज्यादा देर तक घर में रहने की आदत उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। कोशिश करें कि बच्चे को रोजाना कुछ घंटे फिजिकल एक्टिविटी में व्यस्त रखें।
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