Sleep Disorder: आज भारत में लगभग 30 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप की बीमारी से पीड़ित हैं। एनआईएच-एनसीबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक शहरी और ग्रामीण इलाकों में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में कोई खास अंतर नहीं है, दोनों इलाकों में यह तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बन गई है। हाई बीपी बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं लेकिन नींद कम आना एक ऐसा कारण है जो लगभग हर किसी की जिंदगी से जुड़ा होता है। आजकल की जीवनशैली के कारण लोगों को नींद कम लेने की भी आदत हो गई है और वे दूसरे कामों के चक्कर में नींद को त्यागते रहते हैं, जो कुछ समय बाद उन्हें हाइपरटेंशन समेत कई गंभीर बीमारियों की खाई में धकेल देता है।
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गंभीर बीमारियों का खतरा
हम सभी जानते हैं कि खराब जीवनशैली के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसी तरह हाई बीपी के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इससे बड़े ही नहीं छोटे बच्चे भी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बीपी से होने वाली और भी बीमारियां हैं जो मरीजों को गंभीर बना रही हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर के वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन हाई ब्लड प्रेशर का एक और बड़ा कारण सामने आ रहा है और वह है कम नींद। आजकल काम की अधिकता या व्यस्त जीवनशैली के कारण लोग अपनी नींद से समझौता करने लगते हैं। जैसा कि हम अच्छी तरह जानते हैं कि नींद की कमी से कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि ब्रेन स्ट्रोक, मधुमेह, हृदय की समस्याएं और हाई बीपी।
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6 घंटे से कम सोना हानिकारक
बीपी की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है जो रोजाना 6 घंटे से कम की चैन की नींद लेते हैं। दिखते है ये लक्षणजो लोग कम सोते हैं और हाई बीपी की बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं, उनमें कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, घबराहट, रात में बेचैनी। बीपी कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि पूरी नींद लेने के साथ-साथ खाने में नमक और पोटैशियम की मात्रा भी नियंत्रित रखें। चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर देनी चाहिए। वजन नियंत्रित और ऊंचाई के अनुसार होना चाहिए।
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