Smartphone Side effects: पिछले कुछ सालों में स्मार्ट फोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। लोग घंटों इसमें व्यस्त रहते हैं। कोरोना महामारी के बाद से बच्चों में भी स्मार्टफोन के इस्तेमाल की आदत बढ़ गई है। बच्चे इनका इस्तेमाल ऑनलाइन क्लास और दूसरे कामों के लिए कर रहे हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे बच्चे अब एक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी को टेक-नेक कहा जाता है। पहले इस बीमारी के मामले बच्चों में नहीं आते थे, लेकिन अब मामले सामने आ रहे हैं।
जानें क्या कहती है एनबीटी की रिपोर्ट
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क में प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर रिसार्ड वेस्ट्राच का कहना है कि स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के हाथ सुन्न हो रहे हैं। इससे उनके शरीर को काफी नुकसान हो रहा है। बच्चों को गर्दन, सिर, कंधे और पीठ में दर्द हो रहा है। रोजाना आने वाले करीब 20 फीसदी बच्चे इस समस्या का सामना कर रहे हैं। पहले ऐसी दिक्कतों का सामना उन लोगों को करना पड़ता था जो घंटों लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते थे, लेकिन अब बच्चों को भी टेक-नेक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनकी मांसपेशियों में दर्द होता है और गर्दन में भी दिक्कत होती है। बच्चे में फिजिकल एक्टिविटी भी काफी कम हो गई है। इसके कारण वजन भी बढ़ रहा है।
एक ही मुद्रा में बैठने से भी समस्या बढ़ रही है
डॉक्टरों के मुताबिक स्मार्ट फोन के इस्तेमाल के दौरान बच्चे घंटों एक ही मुद्रा में बैठे रहते हैं। इससे गर्दन की मांसपेशियां और जोड़ भी प्रभावित हो रहे हैं। गर्दन की मांसपेशियों में तनाव के कारण खोपड़ी के क्षेत्र में सूजन आ गई है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। कई बच्चे हाथ सुन्न होने की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं मांसपेशियों में दर्द भी बढ़ रहा है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे बढ़ता ही जाता है और बाद में यह एक बड़ी समस्या बन जाती है। इससे सिर को आगे की ओर झुकाने की समस्या के साथ-साथ कंधों की मुद्रा भी बदल सकती है। इससे चलते समय शरीर ठीक नहीं लगेगा।
टेक-नेक से कैसे बचें
बच्चों के लिए फोन की समय सीमा निर्धारित करें
स्मार्टफोन के इस्तेमाल से टाइपपास न होने दें और फिजिकल एक्टिविटी करवाएं
रात को बच्चों को फोन न दें
अगर बच्चे की गर्दन, पीठ या बांह में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।