Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक आदेश जारी किया है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बिना लाइसेंस और बिना डिग्री के जो भी डॉक्टर बन बैठे हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. आदेश जारी करने के बावजुद भी गाजियाबाद में लगातार ऐसे डॉक्टरों को अंकित किया जा रहा है. उनके पास किसी तरह का कोई लाइसेंस नहीं हैं और उन्होंने किसी तरह की कोई डिग्री प्राप्त नहीं की है।
अलग-अलग इलाकों में डॉक्टर बन लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे में गाजियाबाद के सीएमओ अखिलेश मोहन का कहना है कि उन्होंने इस तरह के डॉक्टर को लेकर एक अभियान चलाया और जिसमें लगभग 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
फर्जी डॉक्टरों की बढ़ती संख्या
गाज़ियाबाद में फर्जी डॉक्टरों की संख्या बहुत ज़्यादा है। अंदाजा जारी किया गया है कि यह संख्या 3000 से 4000 तक भी हो सकती है। ऐसे फर्जी डॉक्टरों के इलाज के कारण कई बार मरीज को अपनी जान से हाथ भीं धोना पड़ता है, लेकिन उसके बाद भी धडेले से यह क्लीनिक लगातार चल रहे हैं।
टीम ने किया जायजा
टीम सबसे पहले गाजियाबाद के नंदग्राम के एक क्लीनिक पर पहुंची , वहां पर एक फर्जी डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहा था। उनको एलोपैथिक दवाइयां दे रहा था। बात चित पर जब पुछा गया कि आखिरकार उनके पास “किस तरह का लाइसेंस और डिग्री है, तो उनका कहना था कि “हम गाजियाबाद के प्राइवेट चिकित्सा वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हैं, जिसके चलते हमारे पास गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आती है। “
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इस फर्जी डॉक्टर के इस बयान को सुनकर कहीं ना कहीं गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पर भी सवाल खड़े होते हैं, कि आखिरकार गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जो कि लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो इस क्लीनिक पर बीते कुछ महीना पहले गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सील लगाने का काम किया गया था। लेकिन समय के साथ एक बार फिर इस क्लिनिक को खोला गया है और यहां पर अनक्वालिफाइड और फर्जी डॉक्टर लगातार लोगों का इलाज करने का काम कर रहे हैं ।