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World No Tobacco Day: क्या आप भी अनजाने में लंग कैंसर के शिकार हो रहे हैं?

World No Tobacco Day: भारत में लंग्स यानी फेफड़े के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फेफड़ों के कैंसर के कारणों में धूम्रपान, वायु प्रदूषण और अनुवांशिक कारक शामिल हैं। वैसे तो फेफड़ों के कैंसर का सबसे अहम कारण धूम्रपान को माना जाता है। सिगरेट या इसकी लत की लत कभी भी जानलेवा स्थिति पैदा कर सकती है। क्या आप जानते हैं कि अनजाने में भी लोग फेफड़ों के कैंसर के शिकार हो रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं पैसिव स्मोकिंग की। इसमें धूम्रपान करने वालों के आसपास मौजूद लोग भी धूम्रपान के शिकार हो रहे हैं और इसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बताना है। लोगों में जानकारी के अभाव में वे तम्बाकू से बनी चीजों जैसे खैनी या सिगरेट का सेवन करते हैं। इससे मुंह और फेफड़ों का कैंसर होता है। निष्क्रिय धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर के कारणों में से एक है। इसमें आप सिगरेट नहीं पीते लेकिन किसी तरह इसका धुंआ आपके अंदर जा रहा है तो आप भी अनजाने में धूम्रपान कर रहे हैं।

 

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विशेषज्ञों का कहना है कि निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों में फेफड़े के कैंसर के अलावा हार्ट अटैक और अन्य बीमारियों का भी खतरा होता है। सिगरेट के धुएं से हवा में 5000 से ज्यादा केमिकल रिलीज होते हैं। यह धुआं काफी देर तक हवा में रहता है और जो लोग इसकी चपेट में आते हैं उन्हें अस्थमा की शिकायत तक हो जाती है।

गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा होता है

अगर कोई महिला धूम्रपान करने वाले के करीब है तो इसका नुकसान सिर्फ उसे ही नहीं उसके बच्चे को भी उठाना पड़ सकता है। कई शोध सामने आ चुके हैं, जिनके मुताबिक पैसिव स्मोकिंग की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे के फेफड़े ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं। इतना ही नहीं जन्म के बाद बच्चे को सांस की बीमारी भी हो सकती है।

स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति पैसिव स्मोकिंग की चपेट में है तो उसमें स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। पैसिव स्मोकिंग की वजह से व्यक्ति में स्ट्रोक का खतरा 20 से 25 फीसदी तक बढ़ जाता है। तो आप सिगरेट पीते हैं या नहीं, अगर उसका धुआं आपको प्रभावित कर रहा है, तो एक तरह से आप धूम्रपान कर रहे हैं।

 

 

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