अमेठी पुलिस ने भी दोहराई रायबरेली वाली गलती, वरना ! बच जातीं जान
राहुल शर्मा/हंसराज सिंह
Amethi(यूपी)। आखिरकार अपनी तय स्क्रिप्ट के मुताबिक ही शुक्रवार को देर रात Amethi पुलिस ने टीचर सुनील और उसके परिवार के तीन अन्य लोगों की हत्या का खुलासा कर दिया। प्रेस कॉंफ्रेन्स में अपनी पुरानी थ्योरी को दोहराते हुए पुलिस ने न सिर्फ टीचर की पत्नी से आरोपी के प्रेम संबंध होने का दावा किया बल्कि कहा कि मृतका से अनबन होने पर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस कप्तान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दोहराया कि इस घटना के खुलासे के लिए 5 टीमें लगाई गई थीं। साथ ही ये अनजाने में ये विफलता भी स्वीकार कर ली कि आरोपी को उन टीमों ने नहीं बल्कि गौतमबुद्धनगर की एसटीएफ ने पकड़ा है। प्रेस वार्ता के दौरान जहां पुलिस ने मीडिया के अधिकांश सवालों को विवेचना का विषय बताकर टाल दिया, वहीं इस सवाल का भी साफ-साफ जवाब भी नहीं दिया कि पीड़ित परिवार ने 10 दिन पहले ही अमेठी पुलिस को भी एक प्रार्थना पत्र देकर चंदन से अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा औऱ कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस कप्तान ने पूछे जाने पर सिर्फ यही कहा कि ऐसा कुछ उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जांच कराई जाएगी।
10 दिन पहले भी लगाई थी गुहार
सूत्रों की मानें तो 10 दिन पहले ही सुनील और उसकी पत्नी ने अमेठी में अपने संबंधित थाने की पुलिस को एक प्रार्थना पत्र दिया था। उस प्रार्थना पत्र में चंदन से अपनी और परिवार की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार की थी। सुनील और उसकी पत्नी ने लोकल पुलिस से चंदन के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की प्रार्थना भी की थी, मगर रायबरेली पुलिस की ही तरह अमेठी पुलिस ने भी शिकायत पत्र पर गंभीरता नहीं दिखाई और चार लोगों जिनमें दो मासूम बच्चियां भी थीं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जाहिर है कि समय रहते यदि कार्रवाई की जाती तो ये सनसनीखेज और दिल दहलाने वाली वारदात नहीं होती।
आरोपी से नहीं हुई कोई बरामदगी
जब मीडिया ने एसपी से बरामदगी की बाबत पूछा तो पुलिस कप्तान ने बताया कि वारदात में इस्तेमाल पिस्टल और आरोपी की बाईक को अभी अभियुक्त की निशानदेही पर बरामद किया जाना है। जाहिर है कि अमेठी पुलिस के हाथ इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक एकदम खाली ही रहे। आरोपी को भी उन्हें गौतमबुद्धनगर में एसटीएफ की ईकाई ने पकड़कर सोंपा है।
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अमेठी में चंदन के कौन मददगार ? पुलिस चुप
जब मीडिया ने पुलिस से पूछा कि इस वारदात में चंदन के साथ क्या कोई और भी था तो अफसरों ने चुप्पी साध ली। जब सवाल किया गया कि क्या किसी स्थानीय ने चंदन की मदद की है, तब भी अफसर ये कहकर कन्नी काट गए कि ये विवेचना का हिस्सा है। यदि जांच में कोई सामने आएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
10 राउंड फायर हुए, फिर भी कोई गवाह नहीं
पुलिस कप्तान ने बताया कि चंदन ने खुद ही अपनी पिस्टल से 10 राउंड फायर किए थे। इनमें से एक गोली जो वो खुदपर दागना चाहता था वो मिस हो गई। लेकिन सवाल ये उठता है कि आबादी वाले इलाके में एक के बाद एक 10 राउंड फायरिंग होने के बावजूद क्या वजह रही कि पुलिस एक भी ऐसा चश्मदीद गवाह पेश नहीं कर सकी, जिसने वारदात को अंजाम देकर भागते वक्त चंदन को देखा हो ?
चॉकलेट-टॉफी के सवाल पर भी चुप्पी
मीडियाकर्मियों ने पुलिस अफसरों से जब सवाल पूछे तो पुलिस अफसर काफी असहज दिखाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मकान में आरोपी आगे के रास्ते से घुसा था पीछे के रास्ते से कूदकर कुछ दूर खड़ी अपनी मोटर साईकिल से भाग निकला। जब उनसे मृत बच्चों को आरोपी के द्वारा टॉफी-चॉकलेट देने की बात पूछी गई, तो अफसर चुप्पी साध गए।