- विज्ञापन -
Home Latest News ग्रेटर नोएडा में भू-माफियाओं का कारनामा : अफसरों से यारी, अरबों की...

ग्रेटर नोएडा में भू-माफियाओं का कारनामा : अफसरों से यारी, अरबों की जमीन डकारी, पहली किश्त पढ़ें

राज्यसभा सांसद के संरक्षण में सरकारी जमीन पर माफियाओं ने मारी कुंडली

- विज्ञापन -

राहुल शर्मा

Greater Noida (यूपी)। सूबे को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले गौतमबुद्धनगर जिले से केवल सरकार को ही सबसे ज्यादा आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि यहां सक्रिय माफिया भी अरबों कमा रहे हैं। यहां की अथॉरिटी में तैनात अफसरों और कर्मचारियों से दोस्ती गांठकर भू-माफिया लाखों या करोड़ों नहीं बल्कि अरबों की काली कमाई जुटा रहे हैं। इस बंदरबांट में जहां अफसर-कर्मचारियों से लेकर कई स्थानीय नेता-जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि इस कारगुजारी को अंजाम देने वालों को एक राज्यसभा के सांसद का संरक्षण प्राप्त है। उन्हीं महोदय की कृपा से माफियाओं की इस कारगुजारी पर वो बुलडोजर नहीं गरज रहा जो पूरे सूबे में अपराधियों और माफियाओं के मन में दहशत पैदा किए है।

यहां हुआ घोटाला

Greater Noida के बिसरख इलाके में गांव जलालपुर की खसरा नंबर 773 पर 7.5510 हेक्टयर भूमि है। इस जमीन में से 5.1260 हेक्टर भूमि अथॉरिटी ने किसानों से अधिग्रहित की थी। इसकी रकम भी किसानों को दे दी गई। इसी अरबों की जमीन पर भूमाफियाओं की टेढ़ी नजर पड़ी और अफसरों से साठगांठ करके प्रोजेक्ट खड़े कर दिए गए।

ऐसे किया गोलमाल

अरबों रुपये की इस सरकारी भूमि पर अपने प्रोजेक्ट बनाने के लिए अरबों के घोटाले में शामिल माफियाओं ने कुछ अथरिटी के अफसर और कर्मचारियों की मदद ली। गांव बिसरख के नक्शे में पेरबदल कराकर खसरा नंबर 773 की एक्वायर्ड भूमि को अनएक्वायर्ड दिखा दिया। यानि जिस जमीन को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी किसानों को मुआवजा देकर एकवायर कर चुकी थी उसी को अनएक्वायर्ड दिखा डाला। इस करतूत के बाद लगातार सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य चलता रहा। नये-नये प्रोजेक्ट शुरू किए जाते रहे। फ्लेट और प्लॉट्स की बुकिंग का धंधा चलता रहा, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

एक दशक से चल रहा था गोलमाल

प्राधिकरण के सूत्र बताते हैं कि ये गोरखधंधा करीब एक दशक से प्राधिकरण के अफसर और कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा था। सुविधाशुल्क की चादर ओढ़े अफसर और कर्मचारी सोते रहे, अवैध कब्जे होते रहे, लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया।

ऐसे हुआ खुलासा

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर गांव जलालपुर, बिसरख की विद्यावती नाम की एक महिला ने अपनी जमीन को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है। उसी मामले में उच्च न्यायालय ने Greater Noida अथॉरिटी के अफसरों को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद ही इस पूरे गोलमाल से पर्दा उठा। कोर्ट के आदेश पर अथॉरिटी ने अपनी जमीन की पेमाइश कराई तो सारा गोरखधंधा सामने आ गया।

 (जारी….)

अगली किश्त : धारा-10 के नोटिस से अथारिटी ने जिम्मेदारी निभाई, पैसा भी कमाया

- विज्ञापन -
Exit mobile version