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चौहरे हत्याकांड में पुलिसिया खेल : न पड़ताल, न गिरफ्तारी Fir से ही केस क्लोज

अनपढ़ बाप से साईन लिए, और बना दिया ‘सांप को रस्सी’

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राहुल शर्मा/एस.के.बाजपेई

Amethi(यूपी)। उत्तर प्रदेश की पुलिस सांप को रस्सी बनाने की कला में कितनी माहिर है इसकी बानगी सूबे में सनसनी फैलाने वाले अमेठी के चौहरे हत्याकांड से सामने आ गई है। घटना के तुरंत बाद ही पुलिस ने इस वारदात के शिकार बने टीचर सुनील के अनपढ़ पिता को खुद की लिखी तहरीर पर चिडिया बनवाकर केस क्लोज कर दिया।

ऐसे किया पुलिस ने खेल

दलित शिक्षक सुनील, उसकी पत्नी पूनम और दो मासूम बेटियों की हत्या के बाद पुलिस ने पंचनामे-पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं शुरू करने के साथ ही ये प्लानिंग कर ली कि चौहरे हत्याकांड में अपनी लापरवाही पर पर्दा कैसे डालना है। प्लानिंग के तहत सुनील के पिता रामगोपाल के अमेठी पहुंचते ही उनके सामने हरि सिंह के हाथ की लिखी तहरीर रख दी। जिस चौहरे हत्याकांड को अंजाम देने वालों को किसी अड़ोसी-पड़ोसी ने नहीं देखा उसमें नामजद एफआईआर दर्ज करा दी। एफआईआर में चंदन वर्मा नाम के शख्स को हत्यारा बताते हुए केस को क्लोज कर अपनी जांच को एक ओर घुमाकर पूरी स्क्रिप्ट को अमली जामा पहना दिया। तहरीर में सुनील के पिता की ओर से लिखवाया गया कि घटना की जानकारी मिलने पर वे जैसे ही मौके पर पहुंचे तो उन्हें पड़ोसियों ने बताया कि चंदन वर्मा ने इस वारदात को अंजाम दिया है। इस आधार पर पुलिस ने चौहरे हत्याकांड का न सिर्फ तहरीर से ही खुलासा कर दिया, बल्कि उच्चाधिकारियों को ये बताने में कोई संकोच नहीं किया कि वारदात पुरानी रंजिश का नतीजा है।

उच्चाधिकारियों को अपनी बीन पर नचा रही अमेठी पुलिस

नामजद एफआईआर दर्ज होते ही अमेठी के पुलिस कप्तान ने उच्चाधिकारियों को जानकारी दे दी कि परिवार की ओर से दी गई तहरीर में रायबरेली के रहने वाले चंदन वर्मा को नामजद कराया गया है। पुलिस की कई टीमें चंदन वर्मा की तलाश में जुटी हैं। बस ! अमेठी रायबरेली से लेकर लखनऊ तक  तमाम पुलिस के आला अधिकारी अमेठी पुलिस की बीन पर नाचने लगे। सरकार और मंत्रियों यहां तक कि सीएम योगी को भी यही जानकारी दी गई कि नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास हो रहे हैं। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी।

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पिता बोला-साहब मैं तो हूं अनपढ़

इस पूरे मामले में पुलिस की करतूत तब सामने आई जबकि सुनील के पिता से बात की गई। रामगोपाल से जब एफआईआर की बाबत पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वो तो अनपढ़ हैं। पुलिस ने खुद ही तहरीर लिखी। मुझसे तो बस हस्ताक्षर ही कराए थे। जब उनसे घटना में किसी को नामजद करने की जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि किसी को नामजद भी किया गया है।

एफआईआर का लेखक हरी सिंह कौन ?

गौरतलब है कि पुलिस की तरफ से इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में हरि सिंह नाम के किसी शख्स को तहरीर का लेखक बताया गया है। ये हरि सिंह कौन है, कहां का रहने वाला है ? कोई आम आदमी है या फिर पुलिसकर्मी ? इसका जिक्र भी तहरीर में नहीं किया गया है। जाहिर है कि पुलिस की मंशा पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले इस चौहरे हत्याकांड से जल्द से जल्द अपना पीछा छुड़ाना ही असली मकसद है। इसीलिए पुलिस पहले से ही तय अपनी स्क्रिप्ट के आधार पर ही चलकर न सिर्फ बयान दे रही है, बल्कि उसी आधार पर पड़ताल को भी आगे बढ़ा रही है।

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