Delhi। जाति के आधार पर कैदियों के साथ भेदभाव सही नहीं है। सभी जाति के कैदियों से जेल में समान व्यवहार होना चाहिए। किसी के भी साथ जाति आधारित भेदभाव जेल में नहीं होना चाहिए। कैदियों से जाति पूछने का कॉलम भी नहीं होना चाहिए। ये कहना है सर्वोच्च न्यायालय का।
एक अहम फैसला सुनाते हुए Supreme Court ने देश के सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि इस संबं में आवश्यक बदलाव करें। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायाल में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप गाया गया था कि जेलों में कैदियों के सा जाति के आधार पर भेदभाव होता है। याचिका में जिक्र किया गया था कि बाकायदा कैदियों को दाकिल करते वक्त उनको लेकर की जाने वाली लिखत-पढ़त में उनकी जाति पूछकर कॉलम में भरी जाती है। याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद Supreme Court ने माना कि कैदियों के साथ होने वाला ये बेदभाव यदि जेल मैनुअल की वजह से हो रहा है तो उसमें तत्काल बदलाव किया जाए। बदलाव करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को तीन महीने का वक्त दिया है।