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योगी जी ! 39 हजार कर्मी नहीं सुनते आपकी बात

वक्त बीता, मगर नहीं किया अपनी संपत्ति का खुलासा, क्यों ?

हाईलाइट्स : PPS अफसर क्यों छिपा रहे ब्योरा ?

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सबसे ढीठ नगर विकास कर्मी

तकनीकी शिक्षा वाले आलसी

 

 राहुल शर्मा

Lakhnow(/यूपी)। यूपी में Cm Yogi की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत शासन ने राज्यकर्मियों से अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था। इस कवायद के लिए सभी कर्मियों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया था। सोमवार की रात ये वक्त पूरा हुआ, खबर लिखे जाने तक प्रदेश के 39 हजार 77 योगीजी की जीरो टॉलरेंस नीति को गंभीरता से ही नहीं लिया। इन सरकारी कर्मियों ने शासन को अपनी संपत्ति के बारे में कोई जानकारी ही नहीं दी।

मानव संपदा पोर्टल पर 95 फीसदी राज्य कर्मियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा कर दिया। इसमें पुलिस, लोक निर्माण और कृषि विभाग के कर्मचारी आगे रहे। इन विभागों के 99 फीसदी कर्मचारियों ने अपना ब्योरा दे दिया है। शासन के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार की देर रात तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। फाइनल आंकड़े मंगलवार तक पता चल पाएंगे।

ये था आदेश

Cm Yogi ने सरकारी मशीनरी के कामकाज में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाने की गरज से उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सभी राज्यकर्मी अपनी संपत्ति का ब्यौरा दें। इसी के तहत सूबे के सभी सरकारी कर्मियों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपना संपत्ति का सारा ब्यौरा शासन को उपलब्ध कराएं। शासन ने इसके लिए राज्य कर्मियों को 30 सितंबर तक संपत्ति का ब्योरा देने का अंतिम मौका दिया था। लेकिन अभी भी 39 हजार 77 कर्मियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया। अकेले 373 पीपीएस अफसरों ने इस आदेश को कोई तवज्जो ही नहीं दी। जबकि और अलग-अलग रेंक और विभागों के कर्मी भी हैं जिन्होंने सीएम योगी के निर्देश पर जारी इस शासनादेश को महत्व नहीं दिया।

चेतावनी का भी नहीं हुआ असर

शासन की तरफ से सरकारी कर्मियों को 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने का अंतिम मौका दिया गया था। इस बाबत जारी किए गए आदेश में साफ तौर पर कहा गया था कि 30 सितंबर तक जो भी ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराएगा उन सभी कर्मी का सितंबर माह का वेतन भी रोका जाएगा। शासन ने इस बाबत सभी विभागों को आदेश भी दिया है। इस चेतावनी के बावजूद इन कर्मियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है।

ब्यौरा देने वाले कर्मी

Up में कुल आठ लाख 27 हजार 583 राज्यकर्मी हैं। इनमें से 7 लाख 88 हजार 506  कर्मियों ने सोमवार की शाम छह बजे तक शासन को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दे दिया। जिसे शासन ने मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज कर दिया।

इन्होंने नहीं दिया ब्यौरा

उत्तर प्रदेश के लगभग हर विभाग में ऐसे कर्मी मौजूद हैं जो Cm Yogi की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से परेशान हैं। ऐसे प्रदेश के 39 हजार 77 कर्मचारी हैं जिन्होंने शासन को अपनी चल-अचल संपत्ति का कोई ब्यौरा मुहैया नहीं कराया है।

नगर विकास विभाग वाले सबसे ढीठ

यहां बता दें कि मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल अचल संपत्ति घोषित कराने के लिए शासन को आंकड़ा भेजने वालों में Up का नगर विकास मंत्रालय सबसे ज्यादा ढीठ है। इस विभाग में 39 फीसदी कर्मी ऐसे हैं जिन्होंने शासन को अपनी चल अचल संपत्ति की कोई जानकारी नहीं दी है। इस विभाग के 96 में से सिर्फ 61 लोगों के बारे में सूचना शासन को मिली है, जो मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज हो सकी है।

तकनीकी शिक्षा वाले भी आलसी

संपत्ति का ब्यौरा देने के मामले में पीछे रहने वालों में दूसरा नंबर तकनीकी शिक्षा से जुड़े सरकारी कर्मियों का है। Up में कुल 4687कर्मी तकनीकी शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। नमें से अभी तक केवल 76 फीसदी यानि 3522 लोगों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दर्ज कराया है।

फिसड्डियों में तीसरा नंबर उद्योग विभाग का

Up में चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं भेजने वाले और इस मामले में फिसड्डी कर्मियों में तीसरा नंबर उद्योग विभाग से जुड़े कर्मियों का है। इस विभाग से जुड़े कुल 3170 कर्मियों में से 79 फीसदी यानि 2522 कर्मियों ने ही अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा शासन को भेजा है।

IAS-IPS, PCS-PPS को छूट

Up के आईएएस-आईपीएस और पीसीएस-पीपीएस अफसरों को ब्यौरा देने के मामले में छूट मिली है। उनके लिए केंद्र सरकार के एक अन्य पोर्टल ”स्पैरो” पर अपनी संपत्ति का खुलासा करने का प्रावधान है।

पुलिस वाले सबसे अगाड़ी

शासन को अपनी संपत्ति का ब्योरा भेजने वाले सरकारी कर्मियों में पुलिस महकमें के लोग सबसे आगे हैं। प्रदेश के तीन लाख 16 हजार 633 कर्मियों में से 99 फीसदी यानि तीन लाख 15 हजार 337 कर्मियों ने अपना संपत्ति का ब्योरा शासन को भेज दिया है। जिसे मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज भी कर दिया गया है।

PPS अफसर क्यों छिपा रहे हैं ब्योरा ?

शासन की ओर से प्रांतीय पुलिस सेवा से जुड़े अफसरों को भी जानकारी देने को कहा गया था। इन अधिकारियों के लिए ”स्पैरो” पर संपत्ति का ब्योरा देने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित होना है। इसलिए उन्हें ऑफलाइन ही 7 सितंबर तक ब्योरा देने के निर्देश दिए गए थे। शासन के मुताबिक Up के कुल 1021 पीपीएस अधिकारियों में से 648 ने ही अभी तक संपत्ति की घोषणा की है। 37 फीसदी अफसरों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा शासन को नहीं भेजा है।

अन्य विभागों का ये है हाल

कृषि विभाग के 99 फीसदी, पशुधन, पंचायती राज और पीडब्ल्यूडी विभाग के 98 फीसदी कर्मियों ने अपना ब्यौरा शासन को दे दिया है। चिकित्सा शिक्षा 97 फीसदी, आयुष विभाग 95 फीसदी, जल शख्ति विभाग 94 फीसदी, माध्यमिक शिक्षा विभाग 93 फीसदी, चिकित्सा विभाग 84 फीसदी, राजस्व विभाग 83 फीसदी कर्मी जानकारी दे चुके हैं।

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