Chanakya Niti: आपकी परेशानी की जड़ है ये पांच चीजें, अभी करें त्याग

Chanakya Niti: मानव जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है। कभी सुख की वर्षा होती है तो कभी दुख के घने बादल। चाणक्य Chanakya Niti कहते हैं कि मनुष्य का अच्छा और बुरा समय उसके कर्मों पर निर्भर करता है। चाणक्य ने एक ऐसी बात का जिक्र किया है जो इंसान की परेशानियों की जड़ मानी जाती है। गीता में भी इसका वर्णन है, जो व्यक्ति को नरक की ओर ले जाता है। चाणक्य कहते हैं कि इस बात को जितनी जल्दी छोड़ दें, उतना ही अच्छा है। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
दुखों का कारण
चाणक्य कहते हैं कि आसक्ति सभी प्रकार के दुखों का कारण है। व्यक्ति की अज्ञानता बढ़ती है और जीवन में परेशानियां आने लगती हैं। मोह के जाल में फंसकर व्यक्ति अंधा हो जाता है और गलत को जानकर भी वह अपने आप को बुराई करने से नहीं रोक पाता है। यही उसके दु:ख का कारण है। महाभारत में धृतराष्ट्र दुर्योधन पर इस कदर मोहित थे कि वह अपने बेटे को भी गलत काम करने से नहीं रोक पाए और अंत में कुल का नाश हो गया।
लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग
मानव जीवन में धन, सम्बन्ध, वासना आदि के प्रति अत्यधिक लगाव व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग से भटका देता है और उसे संघर्ष का सामना करना पड़ता है। गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि जब कोई मोह त्याग देता है तो उसे मेरी कृपा प्राप्त होती है। आसक्ति रहित व्यक्ति परम आनंद को प्राप्त करता है। गीता में कहा गया है कि काम, क्रोध और लोभ तीन प्रकार के नरक के द्वार हैं जो मनुष्य के पतन का कारण बनते हैं। उन्हें अकेला छोड़ देना ही बेहतर है।
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