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क्यों काले रंग को माना जाता है नकारात्मकता का प्रतीक?

Black Colour Negative Connection: आपने अक्सर घर में बड़े-बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि किसी भी शुभ अवसर पर काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ये अच्छा नहीं माना जाता। इसे अशुभता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी धार्मिक कार्य में काले रंग के कपड़े पहनना वर्जित माना जाता है, लेकिन बुरी नजर से बचने के लिए हम काले रंग का धागा पहनते हैं। अब सवाल यह है कि काला रंग नकारात्मक क्यों माना जाता है।

काले रंग का संबंध शनिदेव से है

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कर्मफलदाता शनिदेव का रंग काला है। काला रंग बताता है कि वह किसी का पक्षपात नहीं करता। सबके साथ एक जैसा व्यवहार करता है। शनिदेव को बहुत क्रोधित भी माना जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि काले रंग के कपड़े न पहनें। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

काले रंग का संबंध मां काली से है

काला रंग मां काली का भी प्रतिनिधित्व करता है। नवदुर्गा का 7वां स्वरूप मां काली का है। वह इतनी शक्तिशाली मानी जाती है कि वह अपने क्रोध से सभी को जलाकर भस्म कर सकती है। अत: उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव को उनके चरणों के नीचे आना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि काली मां के प्रभाव से अमावस्या की रात को अंधकार छा जाता है। वह सारे रंग छीन लेती है।

काले रंग का संबंध शालिग्राम से

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के कई रूप हैं। इनकी अलग-अलग मूर्तियां भी देखने को मिलेंगी, लेकिन शालिग्राम पत्थर का विशेष महत्व माना जाता है। शास्त्रों में यह बहुत शुभ है। शालिग्राम की पूजा करने से घर नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहता है।

काला रंग अशुभता का प्रतीक है

काला रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है। काले रंग में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है और इसका प्रभाव व्यक्ति पर जल्दी होता है। जिसके कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। इसलिए शुभ कार्यों में काला रंग पहनना वर्जित माना जाता है।

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