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दिवाली के बाद की चुनौतियाँ आंखों की एलर्जी से बचने के प्रभावी टिप्स

दिवाली जैसे त्योहारी सीजन के दौरान, उत्सव की खुशी अक्सर महंगी पड़ जाती है, खासकर पटाखों, धुएं और अन्य पर्यावरणीय प्रदूषकों से उत्पन्न वायु प्रदूषण के बढ़ते जोखिम के कारण। ये कारक जलन, एलर्जी और संक्रमण सहित आंखों की विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। यह समझना कि वायु प्रदूषण आंखों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, रोकथाम और उपचार के लिए आवश्यक है।

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वायु प्रदूषण आँखों को कैसे प्रभावित करता है?

जलन: पार्टिकुलेट मैटर, विशेष रूप से 10 माइक्रोमीटर से छोटे कण, आंखों की संवेदनशील झिल्लियों में प्रवेश कर सकते हैं। इससे नेत्र सतह में जलन और असुविधा होती है, जिससे लालिमा और जलन जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

एलर्जी प्रतिक्रियाएँ: एलर्जी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए, दिवाली के दौरान बढ़ा हुआ प्रदूषण स्तर एलर्जी नेत्रश्लेष्मलाशोथ जैसी स्थितियों को बढ़ा सकता है। लक्षणों में सूजन, लालिमा और आंखों से पानी आना शामिल हैं, ये सभी हवा में प्रदूषकों और एलर्जी से होने वाली जलन के कारण होते हैं।

प्रदूषण, धुएं और धूल के कणों के साथ, बैक्टीरिया और वायरस सहित हानिकारक सूक्ष्मजीवों के लिए वाहक के रूप में काम कर सकता है।

त्योहारी सीजन के दौरान अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए टिप्स:

सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें: धूप का चश्मा या सुरक्षात्मक चश्मा पहनने से कणीय पदार्थ और जलन पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ शारीरिक बाधा उत्पन्न हो सकती है।

आँखों को नमीयुक्त रखें: प्रदूषण के कारण होने वाली सूखापन और जलन को कम करने में मदद के लिए कृत्रिम आँसू या चिकनाई वाली आई ड्रॉप का उपयोग करें।

अच्छी स्वच्छता अपनाएं: संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए अपने हाथ बार-बार धोएं और गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूने से बचें।

चिकित्सीय सलाह लें: यदि आप लगातार लक्षणों या संक्रमण के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो उचित उपचार के लिए किसी नेत्र देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।

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