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Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के खास मौके पर घूमें कृष्ण की नगरी, बढ़ जाएगी पर्व की रौनक

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Govardhan Puja 2022: दीपोत्सव का त्योहार दिवाली पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया वहीं अब गोवर्धन पूजा और भाई दूज की तैयारी जोरों पर है वैसे तो आप सभी जानते होंगे कि इन पर्व का अपना एक विशेष महत्व होता है और दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है गोवर्धन पूजा Govardhan Puja की मान्यता है कि इस दिन महिलाएं गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और आसपास श्री कृष्ण ग्वाल बाल आदि की आकृति बनाकर उनकी पूजा की जाती है गोवर्धन पूजा भगवान विष्णु के अवतार से जुड़ा पर्व है पर्व के अवसर पर अगर आप भी घर में छुट्टियां मना रहे हैं तो आप गोवर्धन पूजा के दिन श्री कृष्ण की नगरी जरूर घूमे इस बार मथुरा में इस पर्व का अपना अलग ही स्वरुप होगा।

ब्रजवासियों की रक्षा

इस वर्ष गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को मनाई जा रही है। गोवर्धन पूजा श्री कृष्ण के बचपन की शरारती शरारतों से जुड़ा त्योहार है। एक बार गोकुल में भारी बारिश हुई। इंद्रदेव के क्रोध के कारण मूसलाधार Mathura बारिश से लोग परेशान थे। तब श्रीकृष्ण ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत पर ले गए और कहा कि हे गोवर्धन नाथ, ब्रजवासियों की रक्षा करो। इतना कहकर कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासी बारिश से बचने के लिए पहाड़ के नीचे आ गए। उस दिन के बाद गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की प्रथा है।

गोवर्धन पर्वत की पूजा

गोवर्धन पूजा के अवसर पर लोग मथुरा-बरसाना पहुंचते हैं और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने जाते हैं। अन्नकूट बनाकर गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन पूजा के लिए गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग अपने जीवन में चार धाम नहीं गए हैं, उन्हें गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करके चार धाम की यात्रा का फल मिलता है।

कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन

उत्तर प्रदेश में स्थित मथुरा-बरसाना और गोकुल का सफर दिल्ली से महज ढाई से तीन घंटे का है। आप यमुना एक्सप्रेस वे से बस या टैक्सी से यात्रा कर सकते हैं। आप कम समय और कम पैसे में बृज की यात्रा कर सकते हैं। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने के अलावा कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं।

मंदिरों में गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा दिवाली से ज्यादा बृज में मनाई जाती है। यहां के कई मंदिरों में गोवर्धन पूजा के दिन विशेष आयोजन होते हैं। बृज में घूमने के लिए बहुत कुछ है। मानसी गंगा के तट पर मुकुट मुखरविंद मंदिर, दानघाटी मंदिर और जातिपुरा का मुखरबिंद मंदिर बना हुआ है। गोवर्धन पूजा के अवसर पर जातिपुरा के अन्नकूट में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी द Midpost की  नहीं है। आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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