Health Tips: आजकल डायबिटीज एक ऐसा रोग हो गया है जिससे भारत का हर छठा व्यक्ति परेशान है। वैसे तो आमतौर पर बताया जाता है कि ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना हानिकारक होता है लेकिन अगर ये कम हो जाता है तो मरीज के लिए ज्यादा खतरे वाली बात है। हमारे शरीर को ग्लूकोज से ऊर्जा मिलती है और अगर बॉडी में इसकी कमी हो जाए तो गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए मरीजों को ‘रूल 15’ अपनाने की सलाह दी जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर रुल 15 क्या है। भारत में सात करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और दुनिया में डायबिटीज से पीड़ित हैं।
अक्सर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर (Blood Sugar) लेवल हाई होते हुए सुना जाता है लेकिन कुछ मामलों में डाइबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कम भी हो जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हाई ब्लड शुगर की तुलना में लो ब्लड शुगर ज्यादा खतरनाक है जो हार्ट, लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार ऐसा होने से मरीज की जान भी चली जाती है।
ऐसा तब होता है जब हाई ब्लड शुगर वाले लोग अपनी डाइट में बदलाव करते हैं। उन्हे रोटी, ब्रेड, बीन्स, दूध, आलू जैसी कार्ब्स से भरपूर चीजों की कटौती करनी पड़ती है जिसकी वजह से ग्लूकोस का लेवल कम हो जाता है और मरीज हाइपोग्लाइसीमिया का शिकार हो जाता है।
कैसे करें हाइपोग्लाइसीमिया की पहचान
हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण कई लोगों में अचानक दिखने लगते हैं। कई लोगों को हार्ट बीट का घटना-बढ़ना, सिरदर्द, चेहरे का रंग पीला पड़ना, नींद ज्यादा आना, थकान रहना, बार-बार भूख लगना, खुद पर काबू ना कर पाना जैसे लक्षणों शामिल हैं। गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया में व्यक्ति बेहोश हो जाता है और कई बार मरीज को अचानक दौरे पड़ने लगते हैं।
अपनाएं ‘रूल 15’
अगर आपको हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको सबसे पहले अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करें।
अगर शुगर लेवल 70 mg/dl से नीचे है तो आपको तुरंत ‘रूल 15’ का पालन शुरू कर देना चाहिए।सबसे पहला स्टेप है आपको 15 ग्राम फास्ट-एक्टिंग कार्बोहाइड्रेट वाला कोई फूड प्रॉडक्ट जैसे तीन चम्मच चीनी, ग्लूकोज, शहद या कोई भी तीन टॉफी खा सकते हैं।फास्ट-एक्टिंग कार्ब्स का मतलब उन खाने की चीजों से है जो पचने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल को बेहद तेजी से बढ़ा देती हैं। फिर 15 मिनट के लिए इंतजार करने के बाद शुगर लेवल चेक करें। अगर ये ठीक नहीं होता है तो फिर से फास्ट-एक्टिंग कार्ब्स का सेवन करें, जब तक ग्लूकोस का लेवल 100 mg/dl तक ना पहुँच जाए।
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