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Thursday, October 17, 2024
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History Of Shimla: पहाड़ों की रानी शिमला में छुपे है भारत के इतिहास, जानिए दिलचस्प बातें

History Of Shimla: शिमला शहर किस को नहीं पसंद है लोग नई नई शादी करने के बाद हनीमून के लिए शिमला जाते हैं या फिर गर्मियों की छुट्टियों में लोग फैमिली के साथ शिमला का ट्रिप प्लान करते हैं। इतना ही नहीं वैकेशन के लिए भी लोगों की पहली पसंद शिमला है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की खूबसूरती कुछ ऐसी है जो लोगों का मन मोह लेती है। यहां के खूबसूरत बड़े बड़े पहाड़ बेहद अच्छे लगते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शिमला का भी कोई इतिहास रहा है। तो आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे हम की पहाड़ों की रानी शिमला में भारत के कौन-कौन से इतिहास गड़े हुए हैं।

जानिए क्या है शिमला का अनोखा इतिहास

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है। यह ब्रिटिश काल के दौरान देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी थी। गर्मियों में अंग्रेज यहीं से भारत पर शासन करते थे। शिमला जिले की ऊंचाई 300 से 6000 मीटर के बीच है। अंग्रेजों को अपने देश की एक झलक पहाड़ों की रानी शिमला में देखने को मिलती थी। उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे इंग्लैंड शहर का सटीक आकार देने की कोशिश की। खास बात यह है कि वह साल का ज्यादातर समय शिमला में बिताते थे। यहां की ऐतिहासिक इमारतें आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

आकर्षण का केंद्र

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है। यह ब्रिटिश काल के दौरान देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी थी। गर्मियों में अंग्रेज यहीं से भारत पर शासन करते थे। शिमला जिले की ऊंचाई 300 से 6000 मीटर के बीच है। अंग्रेजों को अपने देश की एक झलक पहाड़ों की रानी शिमला में देखने को मिलती थी। उन्हें यह जगह इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे इंग्लैंड शहर का सटीक आकार देने की कोशिश की। खास बात यह है कि वह साल का ज्यादातर समय शिमला में बिताते थे। यहां की ऐतिहासिक इमारतें आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

रेलवे लाइन का निर्माण

वर्ष 1903 में कालका और शिमला के बीच एक रेलवे लाइन का निर्माण किया गया था। इस रेल लाइन को अब यूनेस्को द्वारा हेरिटेज रेलवे ट्रैक का दर्जा दिया गया है। वर्ष 1903 में बनी इस 96 किलोमीटर लंबी कालका-शिमला रेल लाइन में 102 सुरंगें, 800 पुल और 18 रेलवे स्टेशन हैं। ट्रैक की ऊंचाई समुद्र तल से 2800 फीट से लेकर 7000 फीट तक है। साल 2008 में यूनेस्को ने इस रेलवे लाइन को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। 1906 में अंग्रेजों ने इस रेल लाइन पर भाप का इंजन चलाया था। जो आज भी इसकी शान है। यह इंजन 1971 तक सुचारू रूप से चलता रहा, लेकिन बांध में बंद कर दिया गया।

शिमला का नामकरण

अंग्रेज शिमला को ‘शिमला’ कहकर बुलाते थे। 80 के दशक में हिमाचल सरकार ने शिमला को अंग्रेजी में भी हिंदी में बोलने के हिसाब से लिखने की अधिसूचना जारी की थी। वहीं, माना जाता है कि साल 1845 में शिमला के पास देवी श्यामला का काली बाड़ी मंदिर बनाया गया था। कालांतर में उन्हीं के नाम पर शिमला नाम प्रचलित हुआ। हालांकि, इसका कहीं भी आधिकारिक जिक्र नहीं है। श्यामला मां को देवी काली का अवतार माना जाता है। मंदिर में देवी की एक लकड़ी की मूर्ति स्थापित है।

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