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हिंसक प्रवृति के होते हैं ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे, इन टिप्स के करें काबू

ऑटिज्म बच्चों में एक व्यवहारिक समस्या है। ऐसे बच्चों को लोगों से मिलने-जुलने और सामाजिक होने में दिक्कत आती है। लोगों से मेलजोल न रख पाने के कारण ऐसे बच्चे अक्सर जिद्दी हो जाते हैं। इन्हें संभालने के लिए बेहद सावधानी से कदम उठाने की जरूरत होती है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो न सिर्फ ऐसे बच्चों को संभालना आसान हो जाएगा, बल्कि उनके व्यवहार में बदलाव भी संभव है।

व्यवहार को समझें

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अपने हाथों को काटना, चिल्लाना, खुद को चोट पहुंचाना और लोगों से नजरें न मिला पाना ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लक्षण हैं। इसके अलावा साथी बच्चों के प्रति हिंसक हो जाना, समूह में न खेलना और कभी-कभी साधारण निर्देशों को भी न समझ पाना भी इसके लक्षण हैं। इन लक्षणों पर नजर रखने से बच्चे को समझने में मदद मिलती है।

सकारात्मक बने रहें

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों की जिद को संभालने की पहली शर्त है सकारात्मक बने रहना। बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए उन्हें हमेशा सकारात्मक सीख दें। साथ ही उसकी अच्छी और सकारात्मक बातों की तारीफ भी करें। उदाहरण के लिए, यदि आप कहीं जाते हैं और आपका बच्चा शोर नहीं करता है, तो इसके लिए उसकी प्रशंसा करें। आप स्टीकर चार्ट भी रख सकते हैं. यदि बच्चा कुछ अच्छा करता है तो उसे प्रोत्साहन स्वरूप एक स्टीकर दें। उसने सप्ताह या महीने में कितने स्टिकर एकत्र किए, उसके आधार पर उसे प्रोत्साहित करें। इससे बच्चों को अच्छा व्यवहार करने की प्रेरणा मिलती है।

पर्यावरण का प्रबंधन करें

ऐसे बच्चे अक्सर कुछ चीज़ों या बातों से उत्तेजित हो जाते हैं। उन ट्रिगर्स पर ध्यान दें और कोशिश करें कि उन चीजों से न जूझना पड़े। पर्यावरण को नियंत्रित करके आप बच्चे के व्यवहार को नियंत्रित कर सकते हैं। ऐसे बच्चे अक्सर किसी विशेष परिस्थिति में ही जिद करते हैं। उन्हें ट्रिगर्स से दूर रखने से जिद पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है।

दिनचर्या का पालन करें

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे अपनी दिनचर्या में किसी भी बदलाव से बहुत परेशान होते हैं। जितना हो सके दिनचर्या का पालन करें. आप दिनचर्या का जितना सख्ती से पालन करेंगे, बच्चे के जिद्दी होने की संभावना उतनी ही कम होगी। एक बात और, बच्चे को यह निर्देश न दें कि क्या नहीं करना है। आपकी कोशिश उसे यह बताने की होनी चाहिए कि उसे क्या करना है और आप उससे क्या उम्मीद करते हैं।

कुछ चीजों को नजरअंदाज करना जरूरी है

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का व्यवहार अन्य बच्चों से थोड़ा अलग होता है। इस सत्य को समझना होगा। इसलिए हर बात पर उसे डांटना ठीक नहीं है। उन चीजों और आदतों को नजरअंदाज करना भी जरूरी है जिनसे कोई नुकसान न हो। उसकी बातों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें और सरल तरीके से समझाएं कि उसे अपने व्यवहार में किस तरह के बदलाव लाने हैं। उस पर बदलाव के लिए दबाव न डालें।

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