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मकर संक्रांति एक पर्व अनेक नाम, आखिर क्या हैं?

मकर संक्रांति हिंदुओ में मनाए जाने वाला एक खास पर्व हैं।यह पर्व चार दिनों का त्यौहार होता हैं, जिसे पूरे भारत में मनाया जाता हैं लेकिन अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं। उत्तर भारत में लोग इसे मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं। यह त्यौहार भारत के पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी मनाया जाता हैं। अलग –अलग धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से इन्हे मनाया जाता हैं। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं तब इस त्योहार को मनाया जाता हैं। इस दिन लोग गंगा में स्नान भी करते हैं उनका मानना हैं की इससे उनके सारे पाप धुल जाते हैं।

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पंजाब और हरियाणा में इस पर्व को मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी के रुप में मनाया जाता हैं। इस पर्व को सिख और पंजाबी समुदाय के लोग बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। रात के समय लकड़ी का गोला बनाकर उसके आस पास घूमते हैं और तिल, रेवड़ी और मूंगफली डालते हैं और लोहड़ी के आस –पास घूमकर लोहड़ी वेखो आया” कहकर जोर से गाते हुए खिलते हैं। इस पर्व पर बच्चे और युवा लोग पतंग उड़ाते हैं।

गुजरात में मकर संक्रांति के पर्व को उत्तरायण के नाम से जानते हैं उत्तरायण गुजरात का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो दो दिनों तक मनाया जाता हैं ।

तमिलनाडु में मकर संक्रांति के पर्व को पोंगल के नाम से जाना जाता हैं। पोंगल का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता हैं। इस अवसर पर खास व्यंजन बनाए जाते हैं, घरों को सजाया जाता है और धान की पूजा की जाती है।

इस पर्व का अधिकतर महत्व उत्तर भारत में है, जहां लोग इसे खेती और फसल से जुड़े उत्सव के रूप में मनाते हैं। मकर संक्रांति के दिन मक्के की खीर, तिल के लड्डू, गुड़ और तिल के तेल की मिठाई बनाई जाती है। इसके अलावा, लोग पतंग उड़ाते हैं और इस दिन गंगा स्नान करते हैं जो धर्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। मकर संक्रांति के पर्व को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं।

इस पर्व के माध्यम से लोग नए उत्साह और संकल्प के साथ नया साल की शुरुआत करते हैं और सूर्य की पूजा कर खुशियां मनाते हैं।

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