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Friday, October 18, 2024
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Mental Health Tips: सोशल मीडिया टीनएजर के लिए है खतरा, जानें

Mental Health Tips: इंटरनेट के जमाने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल हर कोई करता है। इस लिस्ट में बच्चे हो या बड़े, हर किसी को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना बेहद पसंद आता है। आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां अपने काफी दूर होते हैं वहीं सोशल मीडिया की मदद से आप गैरों के साथ भी कनेक्‍ट हो सकते हैं। लेकिन सोशल मीडिया लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है तो वही सोशल मीडिया के नुकसान भी है। अगर बात करें सोशल मीडिया के नुकसान की तो इसका नुकसान हर उम्र के लोगों को होता है लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान होता है बढ़ते हुए बच्चों यानी टीनएजर्स को। खासकर सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा नुकसान टीनएजर लड़कियों पर देखा गया है। अगर आपकी भी टीनएज बेटी है तो ये आर्टिकल को पढ़िए-

क्या है टीनएज?

बढ़ते हुए बच्चों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, इन बच्चों की उम्र 15 से 17 साल की होती है। ये एक ऐसी उम्र होती है जहां बच्चा समझने लायक हो जाते हैं। इसी उम्र में अपने आसपास के वातावरण का असर बच्चों की मेन्टल हेल्थ पर सबसे ज्यादा पड़ता है।

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​सोशल मीडिया का मेन्टल हेल्थ पर असर

युवाओं में सोशल मीडिया का चलन काफी ज्यादा है। वो अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और कई बार अनजान लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल बच्चे करने लगे हैं। लेकिन ज्यादा देर तक सोशल मीडिया के इस्तेमाल का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है।

​नींद में कमी (Mental Health Tips)

युवा बच्चों में सोशल मीडिया का सबसे नेगेटिव इम्पैक्ट उनके स्वास्थ्य पर ही नजर आया है, जैसे कि नींद में कमी का होना। सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से बच्चे कम सोने लगे हैं जिसकी वजह से ध्यान में कमी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी आने लगी है। इस वजह से मानसिक स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है।

​रिश्तों पर असर (Mental Health Tips)

भले ही सोशल मीडिया कांटेक्ट बनाए रखने का अच्छा साधन है लेकिन Digitally और फिजिकली कांटेक्ट में काफी अंतर देखा गया है। ऐसे लोग जो ज्यादा सोशल मीडिया में लोगों से जुड़े होते हैं वो अपने आसपास के लोगों से बात करना या उनसे संपर्क बनाए रखना कम पसंद करते हैं। जिसकी वजह से असल जिंदगी के रिश्तो में दरारें देखी जा सकती हैं।

​मानसिक दबाव

एक युवा बच्चा सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाता है और तभी से उसके ऊपर मानसिक दबाव पड़ना शुरू हो जाता है। बच्चा कुछ ऐसा करना चाहता है जो वो सोशल मीडिया पर डाल सके और लोग उसे देख सकें।वो भी सोशल मीडिया में अपनी जिंदगी के खुशनुमा पहलू दूसरों को दिखा सके।

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