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Thursday, December 19, 2024
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सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग से हैं परेशान, लगाते वक्त न करें ये गलतियां

Sunscreen tips: भारत में ज़्यादातर जगहों पर लोग गर्मी के आतंक से परेशान हैं। हीट स्ट्रोक का ख़तरा जानलेवा साबित हो रहा है। 40 डिग्री से ज़्यादा तापमान वाले इलाकों में चल रही गर्म हवाओं की वजह से लोग बेहोश हो रहे हैं, यानी हीट स्ट्रोक। बढ़ती गर्मी की वजह से त्वचा भी खराब हो रही है। त्वचा को तेज़ धूप, गर्मी और यूवी किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाया जाता है। गर्मियों में इसे त्वचा की देखभाल के लिए रामबाण माना जाता है। बाज़ार में 30, 50 या 70 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन उपलब्ध है। लेकिन कुछ लोग सनस्क्रीन लगाने के बावजूद भी टैन हो जाते हैं। ज़्यादातर लोगों के मन में सवाल होता है कि वो त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगा रहे हैं, फिर भी वो टैन क्यों हो रहे हैं। क्या आप सनस्क्रीन लगाने में कुछ गलतियाँ दोहरा रहे हैं? आइए आपको बताते हैं कि लोग सनस्क्रीन लगाने में क्या-क्या गलतियाँ करते हैं।

सनस्क्रीन क्यों ज़रूरी है?

त्वचा सिर्फ़ तेज़ धूप और चिलचिलाती गर्मी से ही नहीं बल्कि यूवी किरणों से भी डैमेज होती है। अगर आप ज़्यादा देर तक बाहर रहते हैं तो त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है। ऐसे में त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना उचित होता है। दरअसल, बाजार में उपलब्ध सभी सनस्क्रीन ऐसे फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हैं जो इसे नुकसान और डार्कनेस से बचाते हैं। सनस्क्रीन कई तरह के होते हैं जिनमें एसपीएफ 30, 50 और 70 कॉमन है। लेकिन इस ब्यूटी प्रोडक्ट को लगाने के बावजूद कुछ लोगों की त्वचा टैन हो जाती है। इसकी वजह इसे लगाते समय की जाने वाली ये गलतियां हैं…

सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद बाहर जाना

सनस्क्रीन लगाने का एक अहम नियम यह है कि इसे त्वचा पर लगाने के आधे घंटे बाद ही बाहर निकलें। ऐसा करने से यह त्वचा में अच्छे से समा जाती है। लेकिन महिलाएं या पुरुष इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और इसे लगाने के बाद सीधे बाहर निकल जाते हैं। इस गलती की वजह से यह ब्यूटी प्रोडक्ट बेहतरीन रिजल्ट नहीं दे पाता।

स्किन टाइप का ख्याल न रखना

आमतौर पर कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट लगाने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि आपकी स्किन टाइप क्या है। ऑयली स्किन वाले लोगों को हमेशा जेल सनस्क्रीन लगाना चाहिए। भारत में लोग अपनी स्किन टाइप पर ध्यान नहीं देते और कोई भी सनस्क्रीन लगा लेते हैं। ऐसे में यह ठीक से काम नहीं करता और नतीजे भी अच्छे नहीं मिलते।

लोगों के बीच एक मिथक है कि सनस्क्रीन को सिर्फ़ गर्मियों में ही लगाना चाहिए। जबकि यह सोच गलत है। मौसम बदल भी जाए तो सनस्क्रीन लगाने का रूटीन नहीं छोड़ना चाहिए। रूटीन टूटने पर स्किन डैमेज होने का खतरा भी बढ़ सकता है।

सिर्फ़ बाहर निकलने पर ही सनस्क्रीन लगाना

लोगों का यह भी मानना ​​है कि अगर बाहर जाना हो तो ही स्किन पर सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है। घर में रहते हुए भी हमें इसे दिन में तीन बार लगाना चाहिए। टैनिंग सिर्फ़ धूप की वजह से ही नहीं बल्कि मौसम में मौजूद गर्मी की वजह से भी होती है। हमारी स्किन को टैनिंग से बचाने के अलावा यह ब्यूटी प्रोडक्ट कई दूसरे फ़ायदे भी देता है। मार्केट में ऐसे सनस्क्रीन भी मिलते हैं जो स्किन को मॉइश्चराइज़ रखने का काम भी करते हैं।

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