Mother’s Day History: मां को कई तरह से पुकारा जाता है आजकल के बच्चे मां को मोम कहते हैं पहले कई बच्चे अपनी मां को मा ही कहकर पुकारा करते थे लेकिन बदलते वक्त के साथ बहुत सी चीजें बदल जाती है लेकिन हमारी मां कभी नहीं बदलती। बचपन में हमारी मां हमारी टीचर होती है तो वही जवानी चढ़ते चढ़ते हमारी मां हमारी फ्रेंड बन जाती हैं। मां को जानने के लिए किसी भी खास दिन की जरूरत नहीं होती है मां की ममता को हर दिन महसूस किया जाता है लेकिन मदर्स डे के इतिहास से परिचित होना भी बेहद जरूरी है।
जानिए क्या है मदर्स डे का इतिहास
मदर्स डे हर साल मई के महीने में मनाया जाता है और इस साल यह खास दिन 8 मई को मनाया जाएगा। यह न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में समान उत्साह के साथ मनाया जाता है। मदर्स डे मनाने के पीछे का कारण हमारे जीवन में मां के महत्व को दर्शाना है। इसके इतिहास की बात करें तो सबसे पहला मदर्स डे 1908 में फिलाडेल्फिया की एना जार्विस ने मनाया था। 12 मई 1998 को, उन्होंने वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन चर्च में अपनी दिवंगत मां के लिए एक स्मारक का आयोजन किया।
मदर्स डे का महत्व
मदर्स डे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सभी माताओं के प्रति सम्मान, देखभाल और प्यार व्यक्त करने के लिए मनाया जाने वाला एक अवसर है। हम इस दिन को अपने जीवन में मां की भूमिका का जश्न मनाने के लिए मनाते हैं। यह अवसर हर किसी को अपने आसपास की माताओं के लिए कुछ खास करने का मौका देता है। लेकिन ध्यान रहे कि अपनी मां को धन्यवाद देने के लिए सिर्फ एक दिन काफी नहीं है। मां के लिए हर दिन को खास बनाएं और उन्हें खास होने का एहसास कराएं।