Mysterious Temple Brihadeeswara: भगवान शिव को समर्पित बृहदेश्वर मंदिर चोल सम्राट राजराजा प्रथम के संरक्षण में बनाया गया था। बृहदेश्वर मंदिर चोल वंश की स्थापत्य प्रतिभा का एक बेहतरीन उदाहरण है। बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर तमिलनाडु Mysterious Temple के तंजावुर में स्थित है। ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से आपको एक बार इस जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए। हालांकि इस मंदिर से जुड़ा एक ऐसा रहस्य है जिसके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे।
मंदिर की परछाई
आपको भी यकीन नहीं होगा कि दोपहर के वक्त मंदिर की परछाई नहीं दिखती है। लेकिन इसे कुदरत का करिश्मा कहें या कुछ और- ये रहस्य वैज्ञानिकों के लिए भी अनसुलझा है. यह दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है, फिर भी दोपहर के समय मंदिर की परछाई जमीन पर कभी नहीं पड़ती। कहा जाता है कि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि साल के किसी भी समय दोपहर के समय इसकी परछाई नहीं पड़ती है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर
यह मंदिर हिंदू देवता शिव को समर्पित है और दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख मंदिरों की तरह इसमें भी पार्वती, नंदी, गणेश और कार्तिकेय के मंदिर हैं। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का भी एक हिस्सा है। इसके परिसर में कई अन्य मंदिर शामिल हैं, जिन्हें ग्रेट लिविंग चोल मंदिर कहा जाता है। लगभग 1000 साल पहले 11वीं सदी में बना बृहदेश्वर मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली में है। मंदिर परिसर में ऊंचे गोपुरम, विशाल मीनार सहित कई मंदिर हैं।