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Friday, October 18, 2024
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टीनएजर्स के साथ दोस्तों की तरह आए पेश, खुलकर करेंगे आपसे अपने मन की बात

Parenting Tips: किशोरावस्था वह उम्र होती है जब बच्चों में तेजी से बदलाव आते हैं। शारीरिक बदलावों के साथ-साथ उनकी रुचियां, सोच और व्यक्तित्व में भी सुधार आने लगता है। भावनात्मक रूप से भी वे चीजों को समझने और चाहने लगते हैं। इसके साथ ही माता-पिता और बच्चों के बीच अक्सर टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है और इस दौरान बच्चों को अपने माता-पिता के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन एक अभिभावक के तौर पर अपने बच्चे को यह साथ दे पाना संभव नहीं है। इसलिए हर माता-पिता का थोड़ा कूल रहना जरूरी है ताकि वे बच्चे के साथ दोस्ती कर सकें। ऐसा करना क्यों जरूरी है, आप यहां इस लेख में जान सकते हैं।

आत्मविश्वास बढ़ाएं

जब माता-पिता अपने बच्चों की पसंद और रुचियों को स्वीकार करते हैं और उनका समर्थन करते हैं, तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्हें कुछ नया करने और अपने सपनों को पूरा करने का साहस मिलता है।

खुलकर बात करें

किशोरावस्था में बच्चों के मन में कई सवाल उठते हैं। ऐसे में अगर माता-पिता सख्त या रूखा रवैया अपनाते हैं, तो बच्चे खुलकर बात नहीं कर पाएंगे। इसलिए बच्चों के साथ रिश्ते को गहरा और मजबूत बनाने के लिए माता-पिता को थोड़ा कूल रहना चाहिए।

डांटें नहीं, समस्याओं को समझें

बढ़ती उम्र के साथ बच्चों में उलझन, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में माता-पिता का साथ और सलाह बच्चों को सही दिशा देती है। ऐसे में जब आप बच्चों को अपनी समस्याएं शेयर करने का दिलासा देंगे तो वे मुश्किल वक्त का बेहतर तरीके से सामना कर पाएंगे।

अच्छे फैसले लेना सीखें

हमेशा आदेश देने की बजाय माता-पिता को अपने बच्चों को सही और गलत का फर्क समझाना चाहिए। साथ ही उन्हें परिस्थिति के हिसाब से फैसले लेने की आजादी देनी चाहिए। माता-पिता समझते हैं कि गलतियों से सीखना भी जरूरी है।

इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है

बच्चों को आजादी देने का मतलब उन्हें अपनी मर्जी से काम करने की आजादी देना नहीं है। माता-पिता को बच्चे पर नजर रखनी चाहिए और रिश्ते में जरूरी सीमाएं बनाए रखनी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही बच्चे का भावनात्मक रूप से सहज महसूस करना भी जरूरी है।

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