आज यानी 10 सितंबर से 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। पितृ पक्ष में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं। सभी अपने पूर्वजों से जुड़े हुए हैं। हमारा सिर्फ चेहरा और आदतें ही नहीं बल्कि जीने का नजरिया और सेहत भी हमारे जीन्स को प्रदर्शित करती हैं। यही वजह है कि जब भी किसी बीमारी को लेकर डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं तो उनका पहला सवाल होता है, क्या आपके माता-पिता में से किसी एक को ये बीमारी है। हर चीज के लिए फैमिली हिस्ट्री खंगाली जाती है। तो आज जानिए कुछ ऐसी चीजें जो सीधे तौर पर हमें पेरेंट्स से मिलती है।
आदतें और व्यवहार
बायोलॉजिकल संरचना जीन हमें अपने पूर्वजों से जोड़ता है। इसकी वजह से हमारी आदतें और व्यवहार पेरेंट्स से ही मिलते हैं। व्यक्ति की इंटैलेक्चुअल एबिलिटी और पर्सनैलिटी पेरेंट्स पर निर्भर करती हैं। वैज्ञानिक आधार पर इस बात को प्रमाणित कर दिया था कि हम जैसा भी व्यवहार करते हैं फिर चाहे वो अच्छा हो या बुरा, उसके पीछे काफी हद तक हमारे पेरेंट्स के ही जीन होते हैं।
मेंटल हेल्थ
एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि मेंटल हेल्थ भी माता-पिता प्रभावित करते हैं । मानसिक बीमारियों का रिस्क कई गुणा बढ़ जाता है, जब पेरेंट्स की भी मेंटल हेल्थ ठीक नहीं रहती हो। Depression, सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोग के लिए जीन जिम्मेदार होते हैं।
Genetic disorder
कई रिसर्च और स्टडी बताता है कि क्रोमोसोम संरचना में आई खराबी के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हमें माता-पिता से ही मिलती है। डाउन सिंड्रोम में क्रोमोसोम की गलत संरचना होती है। जिसकी वजह से बॉडी और ब्रेन का सामान्य विकास बदल जाता है।
जीन पर निर्भर हैं ये गुण
थ्योरी एंड रिसर्च में साबित हुआ है कि मनुष्यों के कुछ व्यवहार जीन पर निर्भर करते हैं। जैसे-विश्वास, परोपकार, सामाजिक व्यवहार का प्रदर्शन ,गहन विचार, चीजों को अच्छे तरीके से नियंत्रित करना, समाज में घुलना-मिलना, उदासी, मूड स्विंग आदि।
अगर आपमें ये सारे गुण हैं तो समझ लीजिए आपने ये गुण अपने माता-पिता से विरासत में पाए हैं। हालांकि वातावरण या परिवेश भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।