11 सितंबर को राधा अष्टमी मनाई जाएगी, इस दिन तीन शुभ योग बनेंगे: प्रीति योग, आयुष्मान योग और रवि योग। माना जाता है कि ये योग व्यक्तियों को सुख, समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करते हैं।
प्रीति योग
प्रीति योग से व्यक्तियों के जीवन में सुख और समृद्धि आने की उम्मीद है।
यह मानसिक शांति, बुद्धि, ज्ञान, सामाजिक सम्मान और प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है।
इसके अतिरिक्त, माना जाता है कि प्रीति योग व्यक्तियों को धार्मिक और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाता है।
आयुष्मान योग
माना जाता है कि आयुष्मान योग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और लंबा, स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है।
रवि योग
रवि योग आत्मविश्वास और साहस से जुड़ा है।
ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्तियों को नेतृत्व और प्रबंधन कौशल प्रदान करता है, जो सफलता और समृद्धि में योगदान देता है।
राधा अष्टमी पूजा मुहूर्त
पूजा का शुभ समय सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:32 बजे तक है.
इस अवधि के दौरान अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है।
समय
प्रीति योग 11 सितंबर की रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा.
उसके बाद आयुष्मान योग प्रारंभ होगा।
रवि योग 11 सितंबर को रात 9:22 बजे से प्रभावी रहेगा और 12 सितंबर को सुबह 6:05 बजे तक रहेगा।
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात्रि 11:12 बजे प्रारंभ होकर 11 सितंबर को रात्रि 11:46 बजे समाप्त होगी।
महिलाओं का व्रत
इस दिन महिलाएं अपने वैवाहिक संबंधों में मधुरता और समृद्धि की कामना करते हुए व्रत रखती हैं।