Sleeping Position: जब भी बात अच्छी सेहत के बारे में की जाती है तो सबसे पहले अच्छी नींद लेने की सलाह दी जाती है। नींद पूरी न होने पर आपको कई तरह की हेल्थ से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कई सारे लोगों की शिकायत रहती है कि उनकी तो नींद ही पूरी नहीं हुई है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या कारण है। इनमें से एक है आपकी स्लीपिंग पोजीशन। दरअसल, स्लीपिंग पोजीशन सही नहीं होने पर स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
सोने का तरीका (Sleeping Position)
मालूम हो कि अच्छी सेहत के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के साथ नींद भी जरूरी है, लेकिन जैसे हर किसी का सोने का तरीका अलग होता है। इनमें से कुछ लोग एकदम सीधे सोते है तो कुछ लोग पीछ के बल लेटकर सोते है। कुछ लोग साइड पर सोते है तो कुछ लोग पीठ के बल। अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप किस पॉजिशन में सोते हैं और इससे आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है।
गलत पॉजीशन में सोने से नींद में खलल (Sleeping Position)
स्टडीज की माने तो पेट, पीठ या साइड में सोने से खर्राटे, स्लीप एपमिया के लक्षण, गर्दन, बैक पेन और बाकी मेडिकल समस्याओं में फर्क पड़ सकता है। इतना ही नहीं गलत पॉजीशन में सोने से आपकी नींद में खलल, टेंशन और खराब सर्कुलेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अब सवाल उठता है कि सोने की सही पोजीशन क्या है। एक्सपर्ट का कहना है कि सोने के लिए सबसे सही पोजीशन वो है जिसमें सोते समय आपकी रीढ़ की हड्डी, सिर और हिप्स बिल्कुल सीधे रहते हैं और उन पर कोई स्ट्रेन नहीं पड़ता, जैसे एक साइड में होकर सोना, कई स्टडीज से ये पता चला है कि ज्यादातर एडल्ट्स एक साइड में होकर सोते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस पोजीशन को सबसे ज्यादा आरामदायक माना जाता है. इस पोशीजन में रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहती है। ऐसे में इस पोजीशन में सोने से नेक, बैक और कंधे में दर्द की समस्या से बचा जा सकता है।
जबकि पेट या छाती के बल सोना काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इस पोजीशन में सोने से आपके फेफड़ों और चेस्ट कैविटी पर काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है जिससे आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।