किसी भी मां-बाप के मन में अपने बच्चे के सही विकास और पोषण के लिए कई सारे सवाल रहते हैं। फिर भी कई बार बच्चों को सही पोषण नहीं मिल पाता है और बच्चों के सही विकास के लिए Vitamin D बहुत जरूरी होता है। विटामिन डी बच्चों को कम उम्र से ही देना शुरु कर देना चाहिए। क्योंकि विटामिन डी हड्डियों और दांतों के लिए बुहत ही जरुरी होता है। इसके अलावा विटामिन डी और भी कई शारीरिक कार्यों में अपना योगदान देता है। बच्चे कि फिजिकल डेवलपमेंट के लिए विटामिन डी कितना जरूरी है ये आप समझ सकते हैं।
अगर आप अपने बच्चे के आहार में विटामिन डी शामिल करना चाहते हैं तो दूध और धूप के अलावा कई सारे ऑप्शन आपको मिल जाएंगे।
सैल्मन
सैल्मन एक फैटी फिश है और विटामिन डी का एक बड़ा स्रोत है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर फूड कंपोजिशन डेटाबेस के अनुसार 100-ग्राम फार्म्ड अटलांटिक सैल्मन में 526 IU विटामिन डी होता है। विटामिन डी की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि सैल्मन कहां पकड़ी गई है और समय क्या है।
कॉड लिवर ऑयल
कॉड लिवर ऑयल एक सप्लीमेंट है। इसे आप मछली की जगह ऑप्शन ले सकते हैं। अगर आपके बच्चे को मछली पसंद नहीं है, तो कॉड लिवर ऑयल लेने से पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल सकते हैं। यह विटामिन डी का एक बेहतरीन स्रोत है।
मशरूम
मछली ही नहीं मशरूम भी विटामिन डी के उन स्रोतों में से है जो एनीमल बेस्ड नहीं है। इंसानों की तरह, यूवी प्रकाश के संपर्क में आने पर मशरूम विटामिन डी को संश्लेषित कर सकते हैं। हालांकि, मशरूम विटामिन डी 2 का उत्पादन करते हैं जबकि जानवर विटामिन डी 3 का उत्पादन करते हैं।
गाय का दूध
गाय का दूध कैल्शियम, फॉस्फोरस और राइबोफ्लेविन समेत कई पोषक तत्वों का प्राकृतिक स्रोत है। 1 कप फोर्टिफाइड गाय के दूध में प्रति कप 115 आईयू विटामिन डी होता है। इसलिए बच्चों को गाय का दूध पिलाना चाहिए।
ओट्स
ओट्स में भी विटामिन डी होता है और ये बहुत हेल्दी होते हैं। एक कप फोर्टिफाइड गेहूं के चोकर में विटामिन डी का 145 IU होता है।