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1 अप्रैल को क्यों बनाते हैं एक-दूसरे को मूर्ख? ये है वजह

April Fools’ Day 2024: 1 अप्रैल का दिन ज्यादातर हंसी-मजाक के साथ बीतता है, क्योंकि इस दिन लोग एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इस दिन पर एक गाना भी बनाया गया है। आपने भी बचपन में ये गाना जरूर सुना होगा कि ‘अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया’। 1964 में रिलीज हुई इस फिल्म का नाम भी ‘अप्रैल फूल’ था। आप भी 1 अप्रैल का जश्न मनाते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई और इस दिन लोग एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने की रस्म क्यों निभाते हैं।

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अप्रैल फूल भारत समेत कई देशों में मनाया जाता है। हंसी-मजाक से भरा यह दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए मजेदार होता है और इस दिन लोग अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को किसी न किसी तरह अप्रैल फूल बनाने में लगे रहते हैं। फिलहाल आइए जानते हैं कि हम अप्रैल फूल क्यों मनाते हैं।

अप्रैल फूल दिवस की शुरुआत कब हुई?

दरअसल, अप्रैल फूल डे की शुरुआत के पीछे की कहानियों के अनुसार, 16वीं शताब्दी के दौरान फ्रांस में 1 अप्रैल को नया साल मनाया जाता था, लेकिन 1582 में फ्रांसीसी राजा ने 1 जनवरी को नया साल मनाने का फैसला किया। इस बदलाव को ज्यादा तर लोग स्वीकार नहीं कर पाए। और नया साल 1 अप्रैल को मनाते रहे। ऐसे लोगों को अप्रैल फूल कहा जाने लगा। इस तरह 1 अप्रैल दुनिया भर में हंसी-मजाक का एक लोकप्रिय दिन बन गया।

1 अप्रैल को बेवकूफ बनाने की परंपरा के पीछे बहुत पुरानी कहानी है

हालाँकि यह तो साफ़ है कि 1 अप्रैल को लोगों को मूर्ख क्यों बनाया जाता है, लेकिन इस दिन के पीछे एक और कारण है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ‘1 अप्रैल’ का संबंध रोमन फेस्टिवल ‘हिलारिया’ से है। हिलारिया शब्द का अर्थ हर्षित होता है। इस त्यौहार पर लोग एक दूसरे का मजाक उड़ाते थे।

भारत में अप्रैल फूल डे की शुरुआत

अगर भारत में अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत की बात करें तो यह 19वीं शताब्दी में मानी जाती है, क्योंकि उस समय अंग्रेजों का शासन था और वे यहां अपनी संस्कृति का विस्तार भी कर रहे थे। माना जाता है कि अप्रैल फूल डे भी उन्हीं परंपराओं में से एक है।

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