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Thursday, November 21, 2024
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शनि देव को क्यों कहा गया है न्याय का देवता, ये क्या करते है?

सूर्य पुत्र शनिदेव महाराज को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव ऐसे देवता हैं जो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।

शनिदेव मनुष्य के जीवन में किए जाने वाले सभी कार्यों पर नजर रखते हैं। इसीलिए शनिदेव को कर्मों का देवता कहा जाता है, जो लोग अच्छे कर्म करते हैं उन्हें शुभ फल मिलते हैं, जबकि जो लोग बुरे कर्म करते हैं उन्हें शनि दोष का सामना करना पड़ता है।

शनिदेव सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र हैं। वहीं मृत्यु के देवता यम उनके भाई हैं। शनिदेव कर्मों के देवता हैं, जबकि यम मृत्यु के बाद निर्णय लेते हैं। शनिदेव को अपनी पत्नी से क्रूर ग्रह का श्राप मिला था। शनिदेव का वाहन कौआ है।

न्याय का देवता क्यों कहा जाता है?

एक बार शनिदेव और भोलेनाथ के बीच युद्ध हुआ। जिसमें शिव जी ने शनिदेव को हरा दिया, युद्ध के बाद शनिदेव के पिता सूर्य देव ने शिव जी से क्षमा मांगी। लेकिन भोलेनाथ शनिदेव की शक्ति और साहस से अधिक प्रभावित थे, और वे बहुत प्रभावित हुए। इसी कारण शिव जी ने शनिदेव को दंडाधिकारी नियुक्त किया। तब से शनिदेव न्याय के देवता बन गए और लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देने लगे और न्यायप्रिय देवता कहलाए। भोलेनाथ और शनिदेव की यह कथा इस बात का प्रतीक है कि शनिदेव की भक्ति से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पुरस्कार और दंड बांटने के लिए न्याय का देवता बनाया।

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