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महाकुंभ में भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, 30 मौतों पर जवाब तलब

Mahaumbh Stampede

Mahaumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में 28 जनवरी की रात त्रिवेणी संगम नोज पर मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में हादसे की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है।

याचिका में की गई प्रमुख मांगें

  1. कुंभ मेले में हर राज्य का एक सुविधा केंद्र स्थापित किया जाए, ताकि गैर-हिंदी भाषी श्रद्धालुओं को सहायता मिल सके।
  2. महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में VIP मूवमेंट को सीमित किया जाए और आम श्रद्धालुओं के लिए अधिक स्थान उपलब्ध कराया जाए।
  3. भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रमुख भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और मोबाइल व व्हाट्सऐप के माध्यम से श्रद्धालुओं को समय-समय पर जानकारी दी जाए।
  4. विभिन्न राज्यों के तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मेडिकल हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं।
  5. सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करके फैसले को लागू कराने की अपील की गई है।

कैसे हुआ हादसा?

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प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसे का कारण पांटून पुल का बंद होना बताया गया है। पुल बंद होने के कारण लाखों श्रद्धालु संगम नोज पर ही ठहर गए और रातभर वहीं सो गए ताकि सुबह जल्दी स्नान कर सकें। देर रात अचानक बैरिकेडिंग टूट गई जिससे श्रद्धालु संगम की ओर दौड़ पड़े। इस दौरान कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के बीच कुछ लोग कुचल गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।

30 मौतों के बावजूद जारी रहा स्नान

हादसे (Mahakumbh Stampede) के बाद 13 अखाड़ों ने पहले स्नान रद्द करने का फैसला किया, लेकिन बाद में पुलिस और प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद दोपहर में स्नान किया। मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई।

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शवों की पहचान और प्रशासन की प्रतिक्रिया

हादसे में जान गंवाने वाले 30 लोगों में से 25 की पहचान हो चुकी है। इनमें से 19 मृतक उत्तर प्रदेश के थे, जबकि 4 कर्नाटक और 1-1 गुजरात और असम से थे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

महाकुंभ में अब तक 27.58 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 27.58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हालांकि मौनी अमावस्या पर हुए इस हादसे ने महाकुंभ के इस पावन पर्व पर गहरा धक्का पहुंचाया है। प्रयागराज प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं।

पूरे मेला क्षेत्र (Mahaumbh Stampede) को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है और 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों की शहर में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं, श्रद्धालुओं से दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है, ताकि भविष्य में कोई अनहोनी न हो।

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