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फर्टिलाइजर फैक्ट्री पर मंडराया बंदी का खतरा, 1500 परिवारों की आजीविका पर संकट

Kanpur News

Kanpur News : कानपुर के औद्योगिक क्षेत्र को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। प्रदेश की प्रमुख खाद-यूरिया इकाइयों में से एक, कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (KFCL), पर बंदी का खतरा मंडरा रहा है। जेपी ग्रुप के अंतर्गत आने वाली इस फैक्ट्री में कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो गई है। साथ ही, प्रबंधन की ओर से अंदरखाने फैक्ट्री को पूरी तरह से बंद करने की तैयारी की जा रही है।

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इस फैसले से 1500 कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) से जुड़े श्रमिक संगठनों ने इसका विरोध करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि कर्मचारियों की आजीविका पर इस तरह अचानक संकट खड़ा करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने प्रबंधन से इस मुद्दे पर कर्मचारियों के साथ चर्चा करने की मांग की।

गैस आपूर्ति रुकने से उत्पादन ठप

17 दिसंबर को गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने फैक्ट्री को गैस की आपूर्ति रोक दी थी। इसका कारण बकाया भुगतान न होना था। गेल ने प्रबंधन को कई बार चेतावनी दी, लेकिन जब समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो गैस सप्लाई रोक दी गई। बाद में प्रबंधन ने 260 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन गेल ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक पूरा बकाया नहीं चुकाया जाएगा, आपूर्ति बहाल नहीं की जाएगी।

गैस आपूर्ति रुकने के बाद प्रबंधन ने छंटनी शुरू कर दी। 60 स्थायी कर्मचारियों के अलावा 1400 संविदा कर्मचारियों में से शुक्रवार को लगभग 500 कर्मचारियों को यह कहकर वापस भेज दिया गया कि उत्पादन शुरू होने पर उन्हें फिर बुलाया जाएगा।

प्रबंधन की बंदी की योजना पर विरोध

कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन पूरी तरह से फैक्ट्री बंद करने का मन बना चुका है। दिसंबर से ही यह संकेत मिलने शुरू हो गए थे। यूनियन के दबाव के बाद दिसंबर का वेतन भी 14 जनवरी को दिया गया।

जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड की सहायक कंपनी एफसीएल पर बैंकों का अरबों रुपये का कर्ज है, जिससे कंपनी पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है। एटक के जिला मंत्री असित सिंह ने कहा कि हालात दिसंबर से ही खराब हो रहे थे, लेकिन यूनियन की कोशिशों से स्थिति को कुछ समय के लिए संभाला गया।

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सरकारी हस्तक्षेप की मांग

श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर श्रमायुक्त पीके सिंह को फैक्ट्री का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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