दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में कुछ ऐसा हुआ जो 146 साल के क्रिकेट इतिहास में आज तक नहीं हुआ, और इसके लिए जिम्मेदार हैं बांग्लादेश के ऑलराउंडर साकिब अल हसन (Sakib ul hasan). उन्होंने क्रिकेट में जो आज किया है वो जेंटलमैन गेम के बिल्कुल खिलाफ है.
साकिब ने अंपायर से अपील की और श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज (Angelo Mathews) को अंपायर ने टाइम आउट दे दिया. अब आप सोचेंगे कि ये टाइम आउट (Time Out) क्या बला है क्योंकि एंजेलो तो टाइम से पिच पर पहुंच गए थे फिर ऐसा क्या हुआ कि एंजेलो मैथ्यूज को आउट दे दिया गया.
दरअसल जब एंजेलो मैथ्यूज पिच पर खेलने के लिए पहुंचे तो उन्हें महसूस हुआ कि हैलमेट में कुछ दिक्कत हो रही है. उन्होंने ड्रेसिंग रूम की तरफ इशारा किया और दूसरा हैलमेट मंगवाया. हैलमेट आने में कुछ देरी हुई. इतने में शाकिब अंपायर के साथ कुछ बातचीत करते हुए नजर आये.
हंसकर अंपायर से बात कर रहे थे साकिब
वो हंसकर अंपायर के साथ बात कर रहे थे तो सबको लगा कि कुछ हंसी मजाक चल रहा है. लेकिन थोड़ी ही देर बाद अंपायर एंजेलो मैथ्यूज के पास पहुंचे और उन्होंने एंजेलो से कहा कि आप आउट हो गए हैं. इस पर श्रीलंकन बल्लेबाज ने हैरानी जताते हुए पूछा कैसे- तब अंपायर ने बताया कि आप टाइम आउट हो गए हैं.
आपने पहली गेंद का सामना करने में नियम से ज्यादा देरी कर दी है. तब जाकर लोगों को पता लगा कि साकिब वहां अंपायर से अपील कर रहे थे. इसके बाद क्या था लोग गुस्से से लाल हो गए. गौतम गंभीर ने कहा कि,
दिल्ली में आज जो कुछ हुआ वो बेहद खराब था.
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने साकिब की खेल भावना पर सवाल उठाने लगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस नियम के तहत अंपायर ने ये एंजेलो मैथ्यूज को आउट दिया वो क्या है. क्योंकि ऐसे आउट होने वाले एंजेलो पहले बल्लेबाज हैं.
क्या कहत हैं आईसीसी के नियम?
कोई विकेट गिरने या बल्लेबाज के रिटायर होने के बाद, आने वाले नए बल्लेबाज को 3 मिनट के अंदर अगली बॉल खेलने के लिए तैयार होना चाहिए. यदि नया बल्लेबाज ऐसा करने में सक्षम नहीं होता है, तो उसे आउट करार दिया जाता है. इसे ‘टाइम आउट’ कहते हैं. हालांकि इस वर्ल्डकप में ये वक्त घटाकर दो मिनट कर दिया गया है.
इंटरनेशल क्रिकेट में तो पहली बार ये वाकया हुआ है. लेकिन फर्स्ट क्लास में ऐसा पहले भी हो चुका है.
कब-कब हुआ बल्लेबाज टाइम आउट?
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 6 मौकों पर खिलाड़ी टाइम आउट हो चुके हैं. इसमें भारत के हेमूलाल यादव भी शामिल हैं. उनके अलावा 1988 में एंड्रयू जॉर्डन नाम का एक खिलाड़ी ऐसे आउट हुआ था. हेमू लाल यादव 1997 में इस तरह से आउट हुए थे. 2002 में ईस्ट लंदन में वीसी ड्रेक्स इस तरह से आउट हुए.
2014 में सेंट विंसेंट में रयान ऑस्टन और 2017 में बुलावाय में चार्ल्स कुंजे भी ऐसे ही आउट हुए थे.
लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में ये पहली बार हुआ है. जब मैथ्यूज को आउट करार दे दिया गया तो श्रीलंकाई बल्लेबाज काफी गुस्से में दिखा और पवेलियन जाते समय हाथ में रखा अपना हेलमेट भी फेंक दिया. मैथ्यूज इस फैसले से बिल्कुल हैरान थे. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था.
यहां तक कि मैथ्यूज ने बांग्लादेशी कप्तान को समझाने की कोशिश भी की लेकिन नियम के अनुसार शाकिब ने आउट की अपील कर दी थी, इस तरह से मैथ्यूज आउट होकर पवेलियन लौटे.
हालांकि एंजेलो मैथ्यूज की इस हरकत पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. क्योंकि ये भी आईसीसी के नियमों के खिलाफ है.