Asia Cup 2022: आप अगर आमतौर पर क्रिकेट को फॉलो करते हैं या क्रिकेट के फैन है और आपसे कोई सवाल पूछ ले कि दुनिया में स्पिन बॉलिंग पर सबसे शानदार बल्लेबाजी कहां के बल्लेबाज करते हैं? तो आपका जवाब होगा भारत, पाकिस्तान या फिर श्रीलंका। लेकिन आपका ये जवाब टेस्ट और वनडे के लिए तो सही है मगर टी-20 क्रिकेट में ऐसा नहीं है। इसमें भारतीय बल्लेबाज तेज गेंदबाजों को तो अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन स्पिन गेंदबाजी के सामने उनकी हालत खराब हो रही है। रोहित शर्मा और केएल राहुल के स्ट्राइक रेट में तो तेज गेंदबाजों की तुलना में 25% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। आइए आपको समझाते हैं…
आपने देखा होगा कि टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और रोहित शर्मा का स्ट्राइक रेट टी-20 वर्ल्ड कप के बाद स्पिनरों के खिलाफ सही नहीं रहा है। एक तरफ जहां तेज गेंदबाजों के खिलाफ केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 126 का है तो स्पिन गेंदबाजों के सामने उनका स्ट्राइक रेट गिरकर सिर्फ 86.11 का हो जाता है यानी सीधा 31% की गिरावट आ जाती है।
ऐसा ही हाल टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का भी है। रोहित ने 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप के बाद तेज गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई है और उनका स्ट्राइक रेट तो 156.72 का है लेकिन जब बात स्पिन गेंदबाजों की आती है तो यहां वो भी बिल्कुल बेबस नजर आते हैं।
देखा जाए तो इन दोनों खिलाड़ी से बेहतर विराट कोहली का स्ट्राइक रेट है लेकिन वो भी बहुत धीमे हैं। उन्होंने 2021 के टी-20 वर्ल्ड के बाद 122.94 की स्ट्राइक रेट से स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए हैं।
एशिया की और टीमों का रिकॉर्ड तो और भी खराब है।अगर पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बल्लेबाजों का स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ स्ट्राइक रेट देखें तो ये भी स्ट्रगल करते नजर आ रहे हैं।
बांग्लादेश के खिलाड़ी तो तेज गेंदबाजी में भी फ्लॉप ही साबित हो रहे हैं।तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनके बल्लेबाजों ने सिर्फ 117.58 के स्ट्राइक रेट तो स्पिन के खिलाफ स्ट्राइक रेट 107.14 का रहा है।
गौर करने वाली बात है कि एक तरफ जहां साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों को स्वीप और रिवर्स स्वीप खेलते नजर आते हैं तो एशिया के ज्यादातर बल्लेबाज इसे खेलना ही भूल गए हैं। इसमें भारत के टॉप बल्लेबाज को ही देख लीजिए रोहित और राहुल ये शॉट स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खेलते हैं। दोनों स्पिन गेंदबाजों को सीधे बल्ले से खेलने पर जोर देते हैं। विराट का भी यही हाल है।
अब अगर क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में बल्लेबाजों को स्पिन के खिलाफ अपना स्ट्राइक रेट बेहतर करना है तो उन्हें अलग-अलग तरह के शॉट खेलने की कोशिश करनी होगी वरना आगे की राह मुश्किल हो जाएगी
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