साल 2036 में होने वाले ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत पूरी ताकत के साथ ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा। उन्होंने कहा कि भारत खेलों को देश में लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पिछले साल पीएम मोदी ने भी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सत्र के दौरान अपनी राय रखी थी।
भारत करेगा 2036 ओलंपिक की मेजबानी
भारत ने आज तक ओलंपिक खेलों की मेजबानी नहीं की है। गुजरात में चार संभावित स्थलों की पहचान की गई है। भारत ने आखिरी बार 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी। भारत ने 2017 में अंडर-17 फीफा विश्व कप की भी मेजबानी की थी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए भारत को तैयार रहने की जरूरत है। ओलंपिक का आयोजन करना बहुत बड़ी बात होगी और भारत इसके लिए तैयार है।
बोली में लगाएगा पूरी ताकत
उन्होंने कहा कि जब भी बोली की प्रक्रिया शुरू होगी, भारत अपनी पूरी ताकत के साथ बोली लगाएगा और भारत में ओलंपिक का आयोजन करेगा। उन्होंने कहा कि हमें कोशिश करना चाहिए बेहतर सुविधाएं और संसाधन देने का और खिलाड़ियों को खेलने पर पूरी ताकत लगानी चाहिए। टॉप्स योजना से खिलाड़ियों को बोर्डिंग, लॉजिंग, ट्रेनिंग और साथ में जेब खर्च के लिए 6 लाख रुपए अलग से मिलता है। जो खेलों इंडिया एथलीट हैं उनको भी 6 लाख 20 हजार रुपए अलग से मिलता है। इससे उनके परिवार को कोई खर्चा नहीं उठाना पड़े और खिलाड़ी आगे बढ़ें।
युवा ओलंपिक की मेजबानी पर भी भारत की नजर
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि 2036 ओलंपिक के आयोजन के लिए भी भारत को कमर कसनी है। हमने 44वें फिडे शतरंज ओलंपियाड तो करवाया था लेकिन ओलंपिक का आयोजन करना अपने आप में भव्य होगा। भारत इसके लिए तैयार है। जब भी बोली लगाई जाएगी भारत पूरी ताकत से बोली लगाएगा और ओलंपिक का आयोजन भारत में करेगा। आईओसी सत्र में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत 2029 में युवा ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा। ये ओलंपिक के लिए ड्रेस रिहर्सल का काम करेगा।
यहां होंगे अगले तीन ओलंपिक गेम
बता दें कि अगला ओलंपिक गेम फ्रांस की राजधानी पेरिस में इसी साल अगस्त होगा वहीं, लॉस एंजिल्स 2028 खेलों के लिए मेजबान शहर की बोली की दौड़ में आगे निकल गया। ब्रिसबेन को बिना किसी प्रतिद्वंद्वी बोली के 2032 में ओलंपिक मेजबान के रूप में घोषित किया गया था। लॉस एंजिल्स और ब्रिसबेन दोनों को खेलों की तैयारी के लिए 11 साल का समय मिला है।