spot_img
Friday, October 18, 2024
-विज्ञापन-

More From Author

FIH Hockey World Cup: राजनीति के चककर में फंसा राष्ट्रीय खेल, भारत में हॉकी विश्व कप के आयोजन के लिए खतरा

अगले साल होने वाले हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत से छीनी जा सकती है. विश्व हॉकी की शीर्ष संस्था FIH ने कहा है कि अगर भारत को अगले साल हॉकी विश्व कप की मेजबानी करनी है, तो एक नया संविधान अपनाना होगा और चुनाव जल्द से जल्द कराने होंगे। एफआईएच ने सीओए को इस बात से अवगत करा दिया है, जिसे कोर्ट ने नियुक्त किया है। साथ ही चुनाव की समय सीमा तय करने की बात कही है. अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने सीओए को पत्र लिखकर नए संविधान का मसौदा तैयार करने और चुनाव कराने को कहा है। FIH ने कहा है कि अगर संविधान को अपनाने और चुनाव कराने में देरी हुई तो अगले साल भुवनेश्वर और राउरकेला में हॉकी विश्व कप की मेजबानी खतरे में पड़ सकती है।

एफआईएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेइल ने हॉकी इंडिया को पत्र लिखकर भारतीय हॉकी में नए संविधान को अपनाने और भारत में एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव की समय सीमा मांगी है। वेइल ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) 17 जुलाई को एफआईएच द्वारा उसे भेजे गए एक पत्र का जवाब नहीं दे रही है। इस पत्र में भी इन मामलों पर जवाब मांगा गया था।
बुधवार को, वेइल ने पत्र में लिखा, “हम दोहराते हैं कि चुनाव जल्द से जल्द होना चाहिए ताकि हॉकी इंडिया के नव निर्वाचित कार्यकारी बोर्ड के पास हॉकी विश्व कप के आयोजन की तैयारी के लिए पर्याप्त समय हो।”

सीओए का गठन क्यों किया गया था?
भारतीय हॉकी में खेल संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने CoA का गठन किया था। असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के रूप में भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा की नियुक्ति को चुनौती दी थी। अदालत ने तब माना कि बत्रा को आजीवन सदस्य और एलेना नॉर्मन को सीईओ नियुक्त करना अवैध था। पीठ ने खुद कहा था कि भारत सरकार ऐसे राष्ट्रीय खेल महासंघ को मान्यता नहीं दे सकती जिसका संविधान खेल संहिता के तहत नहीं है। नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन में प्रबंधन समिति में आजीवन अध्यक्ष, आजीवन सदस्य और सीईओ के पद अवैध हैं। इन पदों को हटा दिया जाता है।

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts