मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के बाद अब सचिन तेंदुलकर का भी डीप फेक वीडियो वायरल हुआ है। जिस पर सचिन तेंदुलकर ने आपत्ति जताई। Artificial intelligence से बनाए गए सचिन की आवाज में एक गेम का प्रमोशनल वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सचिन को गेम को प्रमोट करते हुए कहा दिखाया गया है। इसमें वह कहते हैं कि उनकी बेटी भी ये गेम खेलती है…। इस वायरल वीडियो ने क्रिकेटर की नींद उड़ा दी है। इस वीडियो को लेकर मास्टर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए पूरी तरह से फर्जी बताया है।
उन्होंने पहले तो वीडियो के फर्जी होने की जानकारी देते हुए लिखा लिखा- ये वीडियो नकली है और आपको धोखा देने के लिए बनाया गया है। टेक्नोलॉजी का इस प्रकार का दुरुपयोग बिल्कुल गलत है। साथ ही उन्होंने वीडियो पर रिपोर्ट करने की अपील करते हुए लिखा- आप सब से विनती है के ऐसे वीडियो या ऐप या विज्ञापन आपको अगर नजर आए तो उन्हें तुरंत रिपोर्ट करें।
उन्होंने साथ ही सजग रहने की अपील करते हुए कहा- सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी सावधान रहना चाहिए और इनके खिलाफ की गई शिकायत पर जल्द से जल्द एक्शन लेना चाहिए। उनकी भूमिका इस बारे में बहुत जरूरी है ताकि गलत सूचना और खबरों को रोका जा सके और डीपफेक का दुरुपयोग खत्म हो।
These videos are fake. It is disturbing to see rampant misuse of technology. Request everyone to report videos, ads & apps like these in large numbers.
Social Media platforms need to be alert and responsive to complaints. Swift action from their end is crucial to stopping the… pic.twitter.com/4MwXthxSOM
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 15, 2024
सचिन के डीपफेक वीडियो में क्या है?
डीपफेक वीडियो में स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट गेमिंग ऐप का नाम है, जहां ऐसा लगता है कि दिग्गज क्रिकेटर विज्ञापन कर रहे हैं और यहां तक कि लोगों को पैसा कमाने में मदद करने की इसकी क्षमता की वकालत भी कर रहे हैं। तेंदुलकर जैसी बड़ी शख्सियत के वीडियो में स्पष्ट रूप से हेरफेर किया गया लग रहा है, न केवल उनके चेहरे की विशेषताओं का उपयोग किया जा रहा है, बल्कि उन्हें क्रिकेटर की तरह दिखने के लिए तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है।
डीपफेक वीडियो की मदद से सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई गई गलत सूचना दुनियाभर में एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है और हाल ही में भारत में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे देश की सरकार को इस मुद्दे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन कंपनियों को विनियमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है जो इन सामग्री की निगरानी कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर जहां बात कुछ ही सेकंड में लाखों लोगों तक पहुंच जाती है।
एआई से बनाया गया फर्जी वीडियो ऐसा नहीं है कि पहली बार वायरल हुआ है। इससे पहले रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिससे काफी बवाल मचा था। हर कोई इससे हैरान था।
सचिन की शिकायत का हुआ असर!
इस मामले पर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर लिखा “डीपफेक वीडियो को चिह्नित करने के लिए तेंदुलकर को धन्यवाद डीपफेक और एआई द्वारा संचालित गलत सूचना भारतीय उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और विश्वास के लिए खतरा है और कानूनी उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे प्लेटफार्मों को रोकना होगा।
चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी मंत्रालय की हालिया एडवाइजरी में प्लेटफॉर्मों को इसका पूरी तरह से पालन करने की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा, “प्लेटफार्मों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हम जल्द ही आईटी अधिनियम के तहत कड़े नियमों को अधिसूचित करेंगे।” फर्जी वीडियो में तेंदुलकर को एप्लिकेशन की खूबियों के बारे में बात करते हुए दिखाया गया है और कहा गया है कि उन्हें नहीं पता था कि पैसा कमाना इतना आसान हो गया है और उनकी बेटी इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करती है। तेंदुलकर ने एक संदेश के साथ वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने तकनीक के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की।
दरअसल पिछले महीने, सरकार ने सभी प्लेटफार्मों को आईटी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया था और कंपनियों को प्रतिबंधित सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट और सटीक शब्दों में सूचित करने का निर्देश दिया था। रश्मिका मंदाना सहित प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो आने के बाद सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ बात की, जिससे सार्वजनिक आक्रोश फैल गया और छेड़छाड़ की गई सामग्री और तकनीक के गलत इस्तेमाल की आशंका बढ़ गई।
डीपफेक वीडियो की जांच कैसे करें?
- हमेशा चेहरे की हरकतों और भावों पर ध्यान दें।
- डीपफेक अजीब मुद्रा, शरीर की बनावट और बातचीत के अनुसार बॉडी लैंग्वेज से आप आसानी से पकड़ सकते हैं।
- ऐसे ऑडियो को ध्यान से सुनें जो व्यक्ति के होठों से मेल नहीं खाता हो।
- जांचें कि क्या वीडियो व्यक्ति के सामान्य व्यवहार पर फिट बैठता है।
- विश्वसनीयता के लिए स्रोत की पुष्टि करें।
- किसी भी अजीब धुंधलापन या विकृतियों को देखें।